कामियाब लोग, करोड़ पति लोग, ऊँची स्थिति पर काम करने वाले लोग कामयाब प्रोफेस्सेर ऐसा क्या जानते है जो सायद आप नहीं जानते?
यही हैं आज की इस पोस्ट का टॉपिक, कुछ लोग ऐसा क्या जानते हैं, ऐसा क्या करते हैं की वो करोड़ पति हो जाते हैं और बाकि लोग एसा क्या नहीं जानते, ऐसा क्या नहीं करते जो सारी उम्र संघर्ष करते रहते है।
हो सकता हैं की यह पोस्ट आपकी जिंदगी में आपकी आगे बढ़ने में बहुत मदद कर सकती हैं।
सारे के सारे करोड़ पति, सारे के सारे कामियाब लोग शिक्षित नहीं है, और न ही किसी अलग अकल के मलिख, और न की अपने बाप-दादा की छोड़ी हुई दोलत के कारण अमीर हैं।
इन मेसे ज्यादातर आम इन्सान हैं, कम पढ़े लिखे, औसत अकल और बाप-दादा की छोड़ी हुई कोई दोलत नहीं और न ही किसी बीवी के द्द्वारा लाया गया बड़ा दहेज़।
फर्क सुरु होता हैं first impression से. कहते हैं first 60 सेकंड में जो सामने वाला आपके बारे में सोच लेता हैं वही इमेज बार-बार दोहराता है और यही बात हर जगह लागु होती हैं, बिज़नस डील में, जॉब के इंटरव्यू में और शादी के लिए बातचीत में।
first 60 सेकंड में आपका first impression बनना हैं, और पुरे जिंदगी दुबारा आपको कभी भी एसे 60 सेकंड नहीं मिलने वाले हैं, first impression देने के लिए।
सामने वाला 80 पर्तिशत फैसला आपके first 60 सेकंड में ही लेलेता हैं, और बाकि की बोली प्रक्रिया (biding) उसके द्वारा लिया गया फैसला उसको सही साबित करने में लग जाती हैं।
और वो सही साबित हो भी जाता हैं,
और यह बात जो जानते हैं, यह बात जो करते हैं वो करोड़ पति बन जाते हैं, बड़ी-बड़ी स्थिति पर पहुच जाते हैं और कामियाब हो जाते है।
अब तो आप भी जान गये की आपको first 60 सेकंड में अपना बेस्ट impression देना हैं। लेकिन कैसे? ऐसा क्या करना होगा की first 60 सेकंड में आपका बेस्ट impression जाये।
कुछ भी नहीं करना होगा, में वापस बोलता हु की कुछ भी नहीं करना होगा।
समझ नहीं पा रहे हैं? कुछ भी नहीं करना होगा, और हमारा first impression इसीलिए सही नहीं जाता क्योंकि हम उसके लिए कुछ करता है, और वो नकली और होता हैं, Fake होता हैं, दिखावा होता हैं।
और असली impression, सही impression तो हमारी शारीर की भाषा, हमारी पोशाक, हमारे चेहरे की अभिवक्ति, जीभ की आवास, ये दे जाते हैं और यह हमेशा सही होता हैं।
जब हम कोई दिखावा करने की कोसिस करते हैं , कुछ बनावटी देने की कोसिस करते है तो हमारी शारीर की भाषा, हमारे चेहरी की अभिव्यक्ति, हमारे जीभ की आवाज वो भी बनावटी हो जाती हैं।
आप जो भी जो उस सामने वाले को दिखाई देता हैं, आप कोयला हो या हिरा हो सामने वाला पहचान लेता है, और अगर सामने वाला नहीं पहचान पाया या तो आप नकली हो या फिर वो नकली हैं, या तो आप हेरा नहीं हो या फिर वो जौहरी नहीं है।
आप बस असल जिंदगी में सच्चे-सुच्चे इन्सान बन जाओ सामने वाला जल्दी स्वीकार करेगा और आप जल्दी तरक्की करोगे।
जुट बोल के, दिखावा करके, बनावटी हो के कोई भी इन्सान आज तक करोड़ पति नहीं बन पाया, ऊँची-ऊँची स्थिति पर नही पहुच पाया, एक कामियाब प्रोफेशनल नहीं बन पाया।
अगर जिंदगी में कुछ करना है न या कुछ बनाना है तो बस सच बोल दो..!!जो लोग अभी कामियाब नहीं हुए न उनको लगता हैं की जुट से विकास आसन हो जाता है, मेरे प्रिय मित्रो केवल सच से ही विकास मिलता हैं और स्थाई (Permanent) मिलती है।
जुट बनावट शॉर्टकट हो सकता है, लेकिन शोर्ट रन के लिए। और लॉन्ग रन शॉर्टकट से नहीं चली जाती।
सच्चे रहो, सच्चे-सुच्चे इन्सान, इमानदार, वफादार रहो क्योंकि इमानदार, वफादार और सच्चे-सुच्चे बन्दे को दिखाना नहीं पढता बल्कि दिखाई दे जाता है।
तो अगर आप चाहते हो की सामने वाला आप पर विश्वास करे, आपको वो सच्चा-सुच्चा इन्सान समझे, आपको वो इमानदार इन्सान समझे, आपको वफादार सोचे तो आपको ऐसा ही बनना पड़ेगा।
दूसरा जरुरी व्यवहार जो करोड़ पति में पाया हैं, कामियाब प्रोफेशनल में पाया हैं, और ऊँचे-ऊँचे स्थिति पर बैठे लोगो में पाया हैं। वो है दुसरे की मदद करनी। वो स्वार्थी नहीं होते है, वो केवल अपनी डुग-दुगी नहीं बजाते है।
अगर आप गूगल पर जाओ, और गूगल की पालिसी पढो, तो आप समझ जाओगे की में क्या कहना चाहता हूँ। गहराग को क्या चाहिए, गहराग को कैसे फ़ायदा हो सकता हैं, गहराग को कैसे खुस किया जा सकता हैं, आप केवल इतना ही करो प्रॉफिट अपने आप कही न कही से आ ही जाएगा।
और आज गूगल सबकुछ फ्री देता हैं, सर्च इंजन फ्री, जीमेल फ्री, गूगल मैप फ्री, YouTube फ्री, जीपीएस फ्री पता नहीं कितनी apps फ्री फिर भी अगर आप देखो तो गूगल दुनिया के सबसे अमीर कंपनी में से एक हैं।
हमारे यहाँ के लोग तो यह भी बताना पसंद नहीं करते की अच्छी सब्जी कहा से मिलती है, कही दुसरे के घर में भी अच्छी सब्जी ना आ जाए। मेरे पास प्रूफ हैं, मेरे 90 पर्तिशत इस पोस्ट को पढने वाले दुसरो को यह नहीं बताते की कहा से सिख रहे है और आप भी इन्ही 90 पर्तिशत में सामिल हो।
मेरे प्रिय मित्रो अगर आप कामियाब होना चाहते हो, अगर आप करोडपति बनना चाहते हो, अगर आप ऊँची-ऊँची स्थिति पर काम करना चाहते हो, तो दुसरे को कामियाब करने के तरीके धुन्धो, वो अपने आप आपको कामियाब करने के तरीके धुंधेगे।
अगला अब जो मेने उनमे पाया है वो है धन्यवाद का व्यवहार। ये लोग शुक्रगुजार (Thankful) होते है। नाशुक्र (thankless) नहीं होते। अगर आपको बोला जाए की कुछ सोचो की कभी आप किसी के काम आये थे। कही भी। तो आपको बहुत बाते याद आ जाएगी, किसी को नोकरी दिलवाई होगी, किसी को पैसे की मदद की होगी, किसी को अस्पताल में एडमिट करवाया होगा, किसी को लिफ्ट दी होगी, और किसी को और किसी को फ्री में पढाया होगा।
लेकिन,
कभी सोचा है की लोग आपके कहा-कहा काम आये थे, किसी ने आपको नौकरी दिलवाई होगी, किसी ने पैसे की मदद की होगी, किसी ने आपको लिफ्ट दी होगी कोई आपके बुरा समय में काम आय होगा।
सोचा ही नहीं कभी और अगर सोचा भी होगा तो अकेले में। जो आपके काम आया था उसको तो पता भी नहीं होगा जो आप उसकी गैर मौजूदगी में आप उसके बारे में सोचते हो।
इस पोस्ट को ख़तम होते ही आपको ऐसे ही एक व्यक्ति को कॉल करना है और उसका धन्यवाद करना है और यह अभ्यास रोज अलग-अलग लोगो के लिए करनी है। और इसके बाद देखना जादू आपकी कामयाबी कहा से कहा पहुँच जाएगी।
मन्दिर में, मस्जिद में, गुरुद्वारे में, चर्च में, भगवान् जी का, खुदा का, उस गॉड का, उस वाहे गुरु का आश्रीवाद लेते होना तो वो जरुर लो।
और साथ में अपने गाइड का, अपने ध्यान रखने वाले का, अपने अध्यापक का, अपने सलाहकार का उनका भी आश्रीवाद लो और उनको भी धन्यवाद् बोलो। कमियाबी का जादू रोज दिखेगा। और यह सभी कामियाब लोग यही करते है।
तो इस पोस्ट का केंद्रीय विचार क्या निकला?
नंबर एक: पहले 60 सेकंड का ही प्रभाव ही आपके व्यापार समझोता (Business Deal) final करवा सकता है, व्यवसाय को कामियाब करवा सकता है और आपको ऊँची-ऊँची स्थान पर जॉब दिलवा सकता है। और इन 60 सेकंड में आप दिखावटी नहीं कर सकते, बनावटी नहीं कर सकते हो। जो बनना चाहते हो, जो दिखना चाहते हो वो बन जाओ। क्योंकि आपकी शारीर की भाषा (Body Language), आपके चेहरे के अभिव्यक्ति (Face Expression), आपकी जीभ की आवाज (Tongue of Voice) वैसी ही बन जाएगी।
नंबर दो: दुसरो की मदद करो उनको जताओ, उनको कामियाब करवाओ, उनके बारे में सोचो, वो चाहे आपके ग्राहक है, आपके नौकर है या आपके दोस्त या आपके रिश्तेदार। जैसे ही आप उनकी तरक्की के बारे में सोचोगे वो अपने आप आपकी तरक्की के बारे में सोचना शुरू कर देंगे।
और तीसरा: धन्यवान का व्यवहार (Attitude of Gratitude)। अपने अध्यापक, अपने मार्ग दिखने वाला (Guide), अपने सलाहकार (Advisor), अपने ध्यान रखने वाले को रोज धन्यवाद करो। उनको सूचित करो की आपकी किमियाबी में उनका भी बहुत बड़ा हाथ है, और उन लोगो को भी धन्यवाद करो जो कभी न कभी-कही न कही आपकी मदद की थी। और उन लोगो को भी धन्यवाद करो जिन्हें आप नहीं जानते हो लेकिन हो सकता है उनका योगदान भी आपकी कमियाबी में आपकी तरक्की में हो।
मेरे सभी प्यारे दोस्तों ये तीनो बाते मेने हर करोड़ पति में पाई है, हर कामियाब प्राध्यापक (Professor) में पाई है, और हर ऊँची स्थान पर काम करने वाले लोगो में पाई है।
और इन तीनो बातो का एक जादू जो है: वो कामियाब है।
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