30 जून 2016

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आपका आईना है आपकी संगत(aapki sangat)

By: Successlocator On: जून 30, 2016
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    • जो काम करो जमकर करो, अपना पूरा मन और शरीर उसमें फेंक दो। 
    • कहते हैं कि गलत काम करने वाले व्यक्ति को सजा देना देना जरूरी होता है। यही सजा उसके लिए सबक बनकर उसे सुधरने में मदद करती है। लेकिन हर बार ऐसा हो ये जरूरी नहीं। कभी-कभी हमारा क्षमादान भी उसे उसकी गलती का एहसास कराके इंसान बनने में मदद करता है!
    • कहते हैं हम जो लोगों को देते हैं वही हमें वापस मिला है। अगर हम किसी को प्यार देगें तो ही हमें बदले में प्यार मिल सकता है और अगर किसी से नफरत करेंगें तो बदलें में प्यार की उम्मीद करना बेकार है।
    • कभी-कभी जरूरत से ज्यादा धन भी घर-परिवार में अशांति फैला देता है। धन का अपना स्वभाव है, वह सीमित मात्रा में मिलता रहे, जरूरत के काम पूरे होते रहें तो कभी परेशानी नहीं आती लेकिन जब अचानक बड़ी मात्रा में पैसा मिल जाता है तो वह परिवार में कहीं-न-कहीं लालच फैलाने का काम करता है। व्यक्ति धन संग्रह करने वाला और लालची होने लगता है यही स्वभाव उसके दु:ख का कारण बनता है।
    • कभी-कभी इंसान के जीवन में ऐसा समय आता है कि वह चारों ओर से परेशानियों का शिकार होने लगता है। और समय लगातार उसकी सोच के विपरीत ही चलता है। लेकिन जो ईश्वर पर विश्वास रखता है उनके साथ बुराई में भी अच्छाई छुपी होती है।
    • व्यक्ति के जीवन में परिस्थितियां कैसी भी हों पर जब मन में अटूट विश्वास और अपने आप पर भरोसा हो तो उसकी जीत निश्चित हो जाती है। और दुनिया भी उसके कदम चूमने लगती है।
    • आज आदमी कामयाब होने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। और असफलता के डर से कोई भी गलत कदम उठा लेते हैं। सफलता यूं ही नहीं मिल जाती उसके लिए धैर्य और हर परेशानी से लडऩे की क्षमता का होना जरूरी है।कभी कभी देर से ही सही लेकिन लगातार प्रयास करने से सफलता जरूर मिलती है।


    • कहते हैं इंसान का स्वभाव उसका आईना होता है। आपका दूसरों के प्रति व्यवहार ही आपके स्वभाव को बताता है। जो लोग अच्छी संगत मे रहते हैं वे हमेशा नीतीगत बातों में विश्वास करते है। और जिन लोगों की संगत गलत होती है वे हमेशा गलत रास्ते को ही अपनाते है।

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