21 फ़र॰ 2016

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सफलता की हर कहानी महान असफलताओ कि भी कहानी है

By: Successlocator On: फ़रवरी 21, 2016
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  • सफलता की हर कहानी महान असफलताओ कि भी कहानी है




    असफलता , सफलता हासिल करने का रास्ता है | आई. बी. एम के टॉम वाटसन , सीनियर का कहना ,” अगर आप सफल होना चाहते है , तो अपनी असफलता की दर दूनी कर दीजिए । “
    अगर हम इतिहास पढ़े ,तो हम पायगे की सफलता की हर कहानी के साथ महान असफलताए भी जुडी हुई है । लकिन लोग उन असफलताओ पर धयान नहीं देते । वे केवल नतीजों को देखते है और सोचते है की उस आदमी ने क्या किस्मत पाई है , ” वह सही वक्त पर सही जगह रहा होगा । “
    एक आदमी की ज़िंदगी की कहानी बड़ी मशहूर है ।
    यह आदमी 21 साल की उम्र में व्यापार में नाकामयाब हो गया , 22 साल की उम्र में वह एक चुनाव हार गया , 24 साल की उम्र में उसे व्यापार में फिर असफलता मिली , 26 साल की उम्र में उसकी पत्नी मर गयी , 27 साल की उम्र में उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया , 34 साल की उम्र में वह कांग्रेस का चुनाव हार गया ,45 साल की उम्र में उसे सीनेट के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा , ४७ साल की उम्र में वह राष्ट्रपति बनने में असफल रहा , 49 साल की उम्र में उसे सीनेट के एक और चुनाव में नाकामयाबी मिली , और वाही आदमी 52 साल की उम्र में अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया । वह आदमी अब्राहम लिंकन था |
    क्या आप लिंकन को असफल मानेगे ? वह शर्म से सिर झुका कर मैदान से हैट सकते थे , और अपनी वकालत फिर शुरू कर सकते थे । लेकिन लिंकन के लिए हार केवल एक भटकाव थी , सफर का अंत नहीं |
    थॉमस एडिसन बिजली का बल्ब बनाने से पहले लगभग 10 हजार बार असफल हुए ।
    हेनरी फोर्ड 40 साल की उम्र में दिवालिया हो गए थे ।
    बीथोवेन जब युवा थे , तो उनसे कहा गया था कि उनमे संगीत की प्रतिभा नहीं है ,लकिन उन्होंने संसार को संगीत की कुछ उत्तम रचनाऐं दी |
    सफलता की सारी कहानियो के साथ महान असफलताओ की कहानिया भी जुडी हुई है । फर्क केवल इतना था कि हर असफलता के बाद वे जोश के साथ फिर उठ खड़े हुए । इसे पीछे धकेलने वाली नहीं , बल्कि आगे बढ़ाने वाली नाकामयाबी कहते है । हम सीखते हुई आगे बढ़ते है । हम अपनी असफलताओ से सबक लेते हुई आगे बढ़ते है |
    हमें रास्ते में ठोकर जरूर लगेगी । लेकिन वह हमारे लिए प्रेरणा भी बन सकती है , और हमें विनम्रता का पाठ पढ़ा सकती है । इससे हम मुसीबत की घड़ी में अपने अंदर बाधाओ को दूर करने की सकती और विशवास का अनुभव करेगे ।
    हर ठोकर लगने के बाद खुद से पूछे कि हमने इस तजरबे से क्या सीखा ? तभी हम रास्ते के रोड़े को कामयाबी की सीढ़ी बना पायेगें |

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