जब भी हमें अपने सोच के मुताबिक कुछ नहीं मिलता या फिर कभी कभी या कहे तो दो तीन बार लगातार असफलता हाथ लगती है तो हमारे मन में एक ही ख्याल आता है,मेरी किस्मत ही ख़राब है,और बस यही से चालू होती है हमारी नकारात्मक सोच जो समय के साथ बढ़ती जाती है अगर उसपर लगाम न लगाया जाये ।एक हमारे मित्र है ,जो हमेशा मिलते है तो बस यही कहते है भाई मेरी किस्मत बहुत ख़राब है मेरा कोई भी कम एक बार में तो होता ही नही हर काम तीसरी बार में होता है और उसकी बातों से ऐसा लगता भी था तो मैंने जानने के लिए मैंने उससे कुछ कामो पर नजर रखी और कुछ जगहों पर सही भी पाया। मेरे उस पर किये गए विश्लेषण से पता चला की उसने अपने दिमाग में ये गांठ बना रखी है जो काम उसका एक बार में होता है उसे वह नगण्य कर देता था पर दोस्तों इसका ये मतलब नहीं उसका कोई काम एक बार में नहीं हो सकता बस सोच बदलने की और ईमानदारी से कम करने की जरुरत है । दोस्तों शायद आपको पता होगा की थॉमस अल्वा एडिशन अपने पहले अविष्कार में सफल होने से पहले 1000 बार फ़ैल हुए थे,आपकी जानकारी के लिए बता दू इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज उन्होंने ही की थी,इस प्रकार की हजारों खोजें उनके नाम दर्ज है।
किस्मत तो उनकी ख़राब होती है जो अपने काम में अपना 100% नहीं देते और बस कह देते है मेरी तो किस्मत ख़राब है,किस्मत को दोष देने से अच्छा है अपनी जिम्मेदारी लेना सीखे जिस दिन ये सीख गए समझो किस्मत कभी ख़राब ही नहीं थी।
"ईमानदारी से की गई हर कोशिश में मिली असफलता का अर्थ,सफलता तक पहुचने में कुछ कदम ही शेष है।"।कहने का अर्थ है बस आप फिर प्रयाश करेंगे तो आप उसे प्राप्त कर ही लेंगे।एक सोच दिमाग में रख कर काम करना है कि दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जो मनुष्य नही कर सकता।