10 अप्रैल 2018
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"स्वयं और दूसरों की सत्ता से मुक्त होने का अर्थ है,अतीत की प्रत्येक वस्तु के प्रति मर जाना ताकि आपका चित्त सदा तरोताजा,युवा,निर्दोष और उत्साह व उत्कट आवेग से भरा हो।"
"जे.कृष्णमूर्ती"
इन शब्दों का यदि गहनता से अध्ययन किया जाए तो ये हमे उस मार्ग पर ले जा सकते है जिससे हम अनंत की सैर कर सके,कहने का तात्पर्य यह है कि हम यदि अपने भूत-भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो जाये और वर्तमान में अपने समग्र अस्तित्व को समाहित कर ले तो हमारे लिए ब्रम्हांड के सारे रास्ते खुल जाएंगे और हम उन सारे सवालों के जवाब जान पाएंगे जो हमारे मन मस्तिष्क में खलबली मचाये हुए है।और वह हर चीज पाने में आप सक्षम हो पाएंगे जिसे इस भौतिक जगत में अर्थपूर्ण समझा जाता है।आप यदि अपने विचार रूपी समुद्री की गहराइयो में गोते लगाएंगे और एक दृष्टा के रूप में उन विचारों का अवलोकन करेंगे तो पता चलेगा कि वर्तमान में तो न हैम सुखी है ना दुखी जो सुख और दुख की अनुभूति है वो तो भूत और भविष्य के विचार हमारे मन मे उठते है उनके फलस्वरूप आती है यही वजह होती है कि वर्तमान में चल रहे किसी काम को हम सही न्याय नही दे पाते क्योंकि अतीत और भविष्य हैम पर इतना हावी रहता है कि वर्तमान हमारा उनकी छाया में जीने को मजबूर रहता है और कभी प्रकाशित नही हो पाता।इसको एक उदाहरण से समझते है एक बार एक टीवी चैनल के साक्षात्कार के दरम्यान सचिन तेंदुलकर से पुछा गया कि जब आप बैटिंग कर रहे होते है और बॉल आपकी तरफ आती है तो आपके मस्तिष्क में क्या विचार आते है उन्होंने बहुत ही सहजता पूर्वक कवाब दिया मैं उस पल सिर्फ उस बॉल को देखता हूं और सारे विचार अपने आप बंद हो जाते है। दोस्तो आपको ये जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि वर्तमान में जीना यानी उस अंतहीन अनंत की सैर ।यदि आपको भी इस अनुभूति का आनंद लेना है और अपने मष्तिष्क में गहराइयों में प्रविष्ट होना है तो एक सवाल के साथ आपको छोड़े जा रहा हु आप उसे हल करने के समय किसी पेपर पेन या किसी बाहरी वस्तु का इस्तेमाल न करे अपने विचारों की गहनता में घुश्कर इसे हाल करने का प्रयाश करे
एक ऐसी संख्या बताइए जिसमे 10 से भाग देने पर शेषफल 9 आये 9 से भाग देने पर शेषफल 8 आये 7 से भाग देने पर शेषफल 6 आये इस प्रकार 6,5,4,3,2,1 से भाग देने पर क्रमसः शेष फल 5,4,3,2,1,0 आये।
यह सवाल सिर्फ एक एक्सरसाइज मात्र है जो आपको अपने अनंत विचारो के समुद्र में डुबकी लगवाकर आपको वर्तमान शक्ति का अनुभव कराएगा।इस सवाल का जवाब और हल करते समय आपके अनुभव आप कमेंट में लिखे ।
अनंत की सैर। The journey of infinity (भाग-1)
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On: अप्रैल 10, 2018
"स्वयं और दूसरों की सत्ता से मुक्त होने का अर्थ है,अतीत की प्रत्येक वस्तु के प्रति मर जाना ताकि आपका चित्त सदा तरोताजा,युवा,निर्दोष और उत्साह व उत्कट आवेग से भरा हो।"
"जे.कृष्णमूर्ती"
इन शब्दों का यदि गहनता से अध्ययन किया जाए तो ये हमे उस मार्ग पर ले जा सकते है जिससे हम अनंत की सैर कर सके,कहने का तात्पर्य यह है कि हम यदि अपने भूत-भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो जाये और वर्तमान में अपने समग्र अस्तित्व को समाहित कर ले तो हमारे लिए ब्रम्हांड के सारे रास्ते खुल जाएंगे और हम उन सारे सवालों के जवाब जान पाएंगे जो हमारे मन मस्तिष्क में खलबली मचाये हुए है।और वह हर चीज पाने में आप सक्षम हो पाएंगे जिसे इस भौतिक जगत में अर्थपूर्ण समझा जाता है।आप यदि अपने विचार रूपी समुद्री की गहराइयो में गोते लगाएंगे और एक दृष्टा के रूप में उन विचारों का अवलोकन करेंगे तो पता चलेगा कि वर्तमान में तो न हैम सुखी है ना दुखी जो सुख और दुख की अनुभूति है वो तो भूत और भविष्य के विचार हमारे मन मे उठते है उनके फलस्वरूप आती है यही वजह होती है कि वर्तमान में चल रहे किसी काम को हम सही न्याय नही दे पाते क्योंकि अतीत और भविष्य हैम पर इतना हावी रहता है कि वर्तमान हमारा उनकी छाया में जीने को मजबूर रहता है और कभी प्रकाशित नही हो पाता।इसको एक उदाहरण से समझते है एक बार एक टीवी चैनल के साक्षात्कार के दरम्यान सचिन तेंदुलकर से पुछा गया कि जब आप बैटिंग कर रहे होते है और बॉल आपकी तरफ आती है तो आपके मस्तिष्क में क्या विचार आते है उन्होंने बहुत ही सहजता पूर्वक कवाब दिया मैं उस पल सिर्फ उस बॉल को देखता हूं और सारे विचार अपने आप बंद हो जाते है। दोस्तो आपको ये जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि वर्तमान में जीना यानी उस अंतहीन अनंत की सैर ।यदि आपको भी इस अनुभूति का आनंद लेना है और अपने मष्तिष्क में गहराइयों में प्रविष्ट होना है तो एक सवाल के साथ आपको छोड़े जा रहा हु आप उसे हल करने के समय किसी पेपर पेन या किसी बाहरी वस्तु का इस्तेमाल न करे अपने विचारों की गहनता में घुश्कर इसे हाल करने का प्रयाश करे
एक ऐसी संख्या बताइए जिसमे 10 से भाग देने पर शेषफल 9 आये 9 से भाग देने पर शेषफल 8 आये 7 से भाग देने पर शेषफल 6 आये इस प्रकार 6,5,4,3,2,1 से भाग देने पर क्रमसः शेष फल 5,4,3,2,1,0 आये।
यह सवाल सिर्फ एक एक्सरसाइज मात्र है जो आपको अपने अनंत विचारो के समुद्र में डुबकी लगवाकर आपको वर्तमान शक्ति का अनुभव कराएगा।इस सवाल का जवाब और हल करते समय आपके अनुभव आप कमेंट में लिखे ।
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