31 अग॰ 2018

कामयाबी किसे कहते है?What is success

By: Successlocator On: अगस्त 31, 2018
  • Share The Gag

  •                       

    आज की इस भागती हुयी जिंदगी में हम सब सफलता या कामयाबी के लिए प्रयास कर रहे हैं|अक्सर ये सवाल लोगो के दिमाग में आता है कि कामयाब कैसे बनें – सफलता कैसे पायें | हम सभी किसी न किसी लक्ष्य या मकसद को लेके जीते हैं | उस लक्ष्य कि प्राप्ति के बाद एक नया लक्ष्य निर्धारित करते हैं | अपने लक्ष्यों तक पहुचना हम सभी का ध्येय रहता है | सफलता के सही मायने न पता होने की वजह से हम जिंदगी भर मायूस  ही महसूस करते रहते हैं | इस पोस्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि आपको सफल होने के सही मायने बताये जाए|

    सफलता क्या है ? कामयाबी किसे कहते हैं ?

    अपने किसी लक्ष्य को प्राप्त कर लेना ही सफलता कि परिभाषा है| करियर या जिंदगी के शुरुवात में आपने जो गोल या मकसद अपने लिए बनाये थे , अगर आपने उन्हें पा लिया है  तो आप सफल कहे जायेंगे |

    सफलता के सूत्र क्या हैं ?

    कहा जाता है कि सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता | सफल होने के कई सूत्र है |

    एक बेहतर इंसान कैसे बने

    कामयाब कैसे बनें – सफलता कैसे पायें

    हम यहाँ उन ईंटो का ज़िक्र कर रहे हैं जिनसे आप अपनी सफलता कि सीढीयाँ बना कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं

    लगातार प्रयास : एक दोहे में कहा गया है कि “करत करत अभ्यास ते जड़मति होते सुजन , रसरी आवत जात ते सिल पर पडत निसान”. इस दोहे का सीधा मतलब है लगातार प्रयास करना | अगर आप जिंदगी में सफल होना चाहते हैं तो बार बार अपने लक्ष्य कि प्राप्ति के प्रयास कीजिये | हर बार प्रयास कीजिये | थक के चूर हो जाईये मगर प्रयास बंद मत कीजिये | चेष्टा करना मत छोड़े | लगातार प्रयास करने से आप का लक्ष्य आपकी सकारत्मक उर्जा से आप के पास पहुच जाएगा

    अथक परिश्रम :अगर आप कामयाब होना चाहते हैं तो  परिश्रम करते रहिये | अपने आराम और सहूलियत को त्याग कर कर ही आप सफलतम व्यक्तियों में शुमार हो सकते हैं

    किसी उपलब्धि को छोटा न समझे – अपनी किसी भी उपलब्धि को कभी कम आंकिये | अपनी हर छोटी बड़ी उपलब्धि का सम्मान कीजिये |

    अतिविश्वास और आत्ममुग्धता से   खुद को बचाए : कामयाब होने कि सबसे बड़ी शर्त है कि खुद को अतिविश्वास और आत्ममुग्धता से   खुद को बचाए| अगर आप अतिविश्वास से भर गए तो आप अपने परिश्रम को बीच में छोड़ देंगे | और अगर आप आत्ममुग्धता से भर गए तो खुद को तुलनात्मक नज़रिए से नहीं देख पाएंगे

    बुरी और नकारात्मक संगति से दूर रहे – दुनिया ऐसे लोगो से भरी पड़ी है जो आपके अन्दर नकारात्मकता और अविश्वास कि भावना डालते हैं | वो खुद तो कुछ नहीं करते साथ ही आप को तरह तरह से अपने लक्ष्य से भटकाने का पूरा प्रयास करते हैं |

    सफल लोगों से मेल जोल बढ़ाये , उन्हें पढ़े – कहा जाता है कि आपके आस पास कि सकारत्मक उर्जा और नकारात्मक दोनों तरह की उर्जा आप को प्रभावित करती हैं | आप उन लोगो से मिलिए जो उद्यमी है , कर्मनिष्ठ और जिज्ञासु हैं | प्रोत्साहित करने वाले हैं और कामयाब हैं | आपको कुछ दिनों में ही अपने अन्दर बड़ा परिवर्तन नज़र आयेगा

    खुद पर विश्वास – अपने आप में विश्वास रखे | अपने भाग्योदय के लिए किसी अन्धविश्वास को न पाले | कर्म से बड़ा कुछ नहीं है | तुलसी दास ने कहा है

    “सकल पदारथ एही जग माहीं
    कर्महीन नर पावत नाही”

    कहने का तात्पर्य ये है कि सब कुछ इसी संसार में उपलब्ध है मगर उसकी कामना मात्र से काम नहीं चलेगा | उसे प्राप्त करने के लिए जीतोड़ म्हणत और लगातार कर्म करते रहने कि ज़रूरत है