प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात कुछ ऐसेव्यक्तित्व के धनी थे कि सभी लोग अपनी समस्याओं का समाधान जाननेके लिए उनके पास कई लोग आते और
तरह-तरह के सवाल करते थे। सुकरातसमान भाव से सभी की समस्याओं का समाधान करने और उन्हें संतुष्ट करने कीकोशिश करते।एक बार एक व्यक्ति ने सुकरात से प्रश्न किया, ‘ आपके गुरु कौन है? ‘सुकरात ने हँसते हुए जवाब दिया,‘ सारी दुनिया में जितने भी मुर्ख है वे
सब मेरे गुरु हैं‘। व्यक्ति ने सोचा किसुकरात मजाक कर रहे हैं क्योंकि वे अक्सर ऐसा करते थे। व्यक्ति ने पूछा,मूर्ख आपके गुरु कैसे हो सकते हैं ?’सुकरात ने जवाब दिया, मैं हमेशा यह
जानने की कोशिश करता हूँ कि किस दोष की वजह से किसी को मुर्ख कहा जा रहा है । अगर मुझे लगता है कि यह दोष मेरे भीतर भी है तो मैं अपने भीतर के उस दोष को दूर कर लेता हूँ,जिससे कि मुझे मूर्ख ना कहा जाए ।इस तरह मैंने जो भी ज्ञान प्राप्त किया है वह मूर्खों से ही शिक्षा लेकर किया है ।
नीचे कुछ Socrates ke Quotes, मैं Hindi में POST के माध्यम से आपको बता रहा हूँ जो कि काफी प्रेरणादायी सिद्ध
होंगे ।
1- काम में कमियाँ निकालनेवालों पर ज्यादा ध्यान दें।
2- किसी से दोस्ती करने में धीमे रहिये, लेकिन अगर दोस्ती हो जाएँ तो उसे मजबूती से निभाइए और हमेशा जरुरत के समय दोस्तों के साथ रहिये।
3- हर साल भी अगर एक बुरी आदत को दूर फेका जाएँ,तो बुरे से बुरा व्यक्ति भी अच्छा बन सकता हैं।
4- किसी भी स्थिति में पैसे सेअच्छे गुण हासिल नहीं कियें जासकते हैं, लेकिन अच्छे गुणों से पैसा जरुर कमाया जा सकता हैं।
5- जो व्यक्ति खुद के गुस्से को काबू करना सीख लेता हैं, वह दूसरों के गुस्सो से खुद ही बच निकलता हैं।
6- हमारी प्रार्थना केवल आशीर्वाद पाने के लिए होनी चाहिए क्योकि ईश्वर सब जानता हैं, कि आपके लिए क्या अच्छा हैं और क्या बुरा।
7- जिन्दगी में कुछ भी हो जाये एक बार शादी जरुर कीजिये अगर अच्छी पत्नी मिली तो जिन्दगी खुशहाल हो जाएगी
और अगर नहीं तो आप दार्शनिक जरुर बन जाओगे।
8- खुद को जानों यह इसलिए जरुरी हैं क्योकि एक बार खुद को जान लिया तो यह सीख जायेंगे कि खुद को आगे कैसे बढ़ाना हैं।
9- जो आप चाहते हैं वह नहीं मिलता हैं तो तकलीफ होती हैं जो नहीं कहते हैं वह मिल जाता हैं तो भी तकलीफ होती हैं और जो चाहते हैं वह भी मिल जाता हैं तो भी तकलीफ होती हैं क्योकि वह ज्यादा दिन आपके पास नहीं रहता है।
10- एकमात्र अच्छाई केवल ज्ञान हैं और एकमात्र बुराई केवल अज्ञान हैं।
11- संतुष्टि प्रकर्ति की दौलत हैं और वैभव इंसान के द्वारा बनायीं हुई गरीबी वे ही धनवान हैं जो कम में संतुष्टि करना जानते हैं।
12- खुद को भीतर से खुबसूरत बनाये और प्राथना करे कि आप बाहरऔर भीतर से एक जैसे रहे।
13- सच्ची बुद्धिमानी उसी वक्त आ सकती हैं, जब हम यह मान ले कि हम जिन्दगी खुद के बारे में और हमारे आस-पास कि दुनिया के बारें में कितना कम जानते हैं कुछ ही जानते हैं।
14- उन लोगों कि बातों पर ध्यान मत दीजिए, जो आप के काम और आचरण की प्रशंसा करते हैं बल्कि उन लोगो कि बातों पर ध्यान दीजिए जो आप के काम मेंकमियां निकालते हैं।
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