खुद की क्षमताओं पर भरोसा होना
आत्मविश्वास का जरूरी हिस्सा है।
कुछ लोग स्वाभाविक रूप से
आत्मविश्वासी होते हैं, तो कुछ को इसे
विकसित करने की जरूरत होती है।
अपनी काबलियत पर हमें हमेशा
विश्वास करना चाहिए, क्योंकि
जीवन में हमें अपना आत्म विश्वास और
अपनी काबलियत ही आगे ले जाती है।
खुद में आत्मविश्वास पैदा करने की जरूरत
है। अपनी उपलब्धियों पर नजर डालें।
अक्सर अभावों के बारे में सोचने के
कारण अपनी क्षमता और प्रतिभा का
बेहतर इस्तेमाल नहीं कर पाते।
आत्मविश्वास में सुधार करने की दिशा
में काम करें। तनाव की स्थितियों में
बेहतर कार्य करने का कौशल विकसित
करें। सकारात्मक लोगों के साथ रहें।
यदि आपको अपने चुने हुए मार्ग पर
विश्वास है, और इस पर चलने का साहस
और मार्ग की हर कठिनाई को जीतने
की शक्ति है, तो आपका सफल होना
निश्चित है। इसी संदर्भ में एक कहानी
से कुछ सीखते हैं ………
बहुत समय पहले की बात है , एक राजा
को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे
भेंट किये । वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे ,
और राजा ने कभी इससे पहले इतने
शानदार बाज नहीं देखे थे।राजा ने
उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी
आदमी को नियुक्त कर दिया।जब कुछ
महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को
देखने का मन बनाया , और उस जगह पहुँच
गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था।
राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी
बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी
शानदार लग रहे थे ।राजा ने बाजों
की देखभाल कर रहे आदमी से कहा, ” मैं
इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे
उड़ने का इशारा करो ।इशारा मिलते
ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे , पर जहाँ
एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू
रहा था , वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर
वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया
जिससे वो उड़ा था।
ये देख , राजा को कुछ अजीब
लगा.“क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी
अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा
बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,
राजा ने सवाल किया।” जी हुजूर , इस
बाज के साथ शुरू से यही समस्या है , वो
इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”राजा
को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो
दुसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना
देखना चाहते थे।अगले दिन पूरे राज्य में
ऐलान करा दिया गया कि जो
व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में
कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया
जाएगा।फिर क्या था , एक से एक
विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का
प्रयास करने लगे , पर हफ़्तों बीत जाने के
बाद भी बाज का वही हाल था, वो
थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर
आकर बैठ जाता।
फिर
एक दिन कुछ अनोखा हुआ , राजा ने
देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में
उड़ रहे हैं। उन्हें अपनी आँखों पर यकीन
नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति
का पता लगाने को कहा जिसने ये
कारनामा कर दिखाया था।वह
व्यक्ति एक किसान था।अगले दिन वह
दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में
स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने
कहा , ” मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ , बस तुम
इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े
विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे कर
दिखाया। ““मालिक ! मैं तो एक
साधारण सा किसान हूँ , मैं ज्ञान की
ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने तो बस
वो डाल काट दी जिसपर बैठने का
बाज आदि हो चुका था, और जब वो
डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने
साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा।
प्रिये मित्रों, हम सभी ऊँचा उड़ने के
लिए ही बने हैं। लेकिन कई बार हम जो
कर रहे होते है उसके इतने आदि हो जाते हैं
कि अपनी ऊँची उड़ान भरने की , कुछ
बड़ा करने की काबलियत को भूल जाते
हैं।
22 अक्तू॰ 2015
Tagged Under:
"खुद की क्षमताओं पर भरोसा"
By:
Successlocator
On: अक्तूबर 22, 2015
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