सफलता की हिंदी कहानियाँ, Real Businessman Story in Hindi
स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं –
1 . ये वो हैं जो समय के साथ खुद को नहीं बदलते और पिछड़ जाते हैं ,
2. ये वो लोग हैं वो समय के साथ खुद को बदल लेते हैं और आगे बड़ जाते हैं
3. ये वो लोग हैं जो समय के अनुसार नहीं बदलते बल्कि समय को ही अपने अनुसार बदल देते हैं और इन्हीं को युगपुरुष कहा जाता हैं जो सदियों में एक बार जन्म लेते हैं ।
Andrew Carnegie ये नाम है उस शख्स का जिसे स्टील टाइकून(स्टील किंग) कहा जाता है । जो अपने धैर्य और परिश्रम की वजह से दुनियां के सबसे अमीर आदमी बने । इनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था जिनके पास दो वक्त का खाना जुटाने के लिए भी पैसे नहीं थे और केवल एक कमरे का घर था । ये स्कॉटलैंड के रहने वाले थे लेकिन गरीबी और भुखमरी की वजह से ये लोग काम की तलाश में अमेरिका आ गए । घर की दरिद्रता की वजह से ऐन्ड्रू की पढ़ाई भी नहीं हो पायी और 13 साल की छोटी सी उम्र में घर घर का भार सँभालने की जिम्मेदारी कन्धों पे आ गयी ।
13 साल के ऐन्ड्रू ने एक कपड़े बनाने की फैक्ट्री में छोटी सी नौकरी कर ली जहाँ उसे 12 घंटे और सातों दिन कठिन परिश्रम करना पढता , लेकिन जिस इंसान में लगन होती है वही कोयले से हीरा बनाने का माद्दा रखते हैं । ऐन्ड्रू काम से समय निकाल कर सफल लोगों की कहानियां पढता था उनसे प्रेरणा लेता था । धीरे -धीरे समय बीतता गया , ऐन्ड्रू ने कुछ दिन बाद एक पोस्टमैन की नौकरी भी की । शहर में बड़ी लाइब्रेरी थी जहाँ किताबों का विशाल संकलन था । ऐन्ड्रू वक्त निकाल कर लाइब्रेरी में पढता रहता था । यहाँ उसने कुछ इंटस्ट्री और बिज़निस के बारे में सीखा , नौकरी करते हुए कुछ पैसे इकट्ठे किये और धीरे धीरे स्टील बनाने वाली कम्पनीयों में इन्वेस्ट करने लगे जिससे उन्हें अच्छी इनकम हो जाती थी इसी तरह समय का चक्र चलता गया और फिर ऐन्ड्रू ने एक दिन अपनी खुद की कंपनी बनाने की सोची ।
यही सोचकर Carnegie Steel Corporation नाम की एक कंपनी की स्थापना की शुरुआत में कंपनी औसत रही लेकिन ये ऐन्ड्रू कार्नेगी की मेहनत और लगन का ही नतीजा था की कुछ ही सालो में ऐन्ड्रू स्टील किंग बन गए और बहुत जल्द उन्हें Builders of America का अवार्ड मिला । एक समय था जब ऐन्ड्रू कार्नेगी की अकेली कंपनी पूरे ब्रिटेन से ज्यादा स्टील उत्पादन करती थी । और इसी लगन ने एक दिन ऐन्ड्रू को बना दिया “दुनिया का सबसे अमीर इंसान “, 1889 में ऐन्ड्रू कार्नेगी को दुनिया का सबसे अमीर इंसान घोषित किया गया ।
अपनी लगन और परिश्रम से ऐन्ड्रू ने इतिहास को बदल कर रख दिया जिस व्यक्ति का परिवार एक समय भुखमरी से जूझा हो उसके लिए दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनना एक मिशाल पेश करने से काम नहीं हैं ।
तो मित्रों दृंढ निश्चय और मेहनत से पहाड़ो का भी सीना चीरा जा सकता है बस जरुरत है अपने आत्मविश्वाश को जगाने की
स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं –
1 . ये वो हैं जो समय के साथ खुद को नहीं बदलते और पिछड़ जाते हैं ,
2. ये वो लोग हैं वो समय के साथ खुद को बदल लेते हैं और आगे बड़ जाते हैं
3. ये वो लोग हैं जो समय के अनुसार नहीं बदलते बल्कि समय को ही अपने अनुसार बदल देते हैं और इन्हीं को युगपुरुष कहा जाता हैं जो सदियों में एक बार जन्म लेते हैं ।
Andrew Carnegie ये नाम है उस शख्स का जिसे स्टील टाइकून(स्टील किंग) कहा जाता है । जो अपने धैर्य और परिश्रम की वजह से दुनियां के सबसे अमीर आदमी बने । इनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था जिनके पास दो वक्त का खाना जुटाने के लिए भी पैसे नहीं थे और केवल एक कमरे का घर था । ये स्कॉटलैंड के रहने वाले थे लेकिन गरीबी और भुखमरी की वजह से ये लोग काम की तलाश में अमेरिका आ गए । घर की दरिद्रता की वजह से ऐन्ड्रू की पढ़ाई भी नहीं हो पायी और 13 साल की छोटी सी उम्र में घर घर का भार सँभालने की जिम्मेदारी कन्धों पे आ गयी ।
13 साल के ऐन्ड्रू ने एक कपड़े बनाने की फैक्ट्री में छोटी सी नौकरी कर ली जहाँ उसे 12 घंटे और सातों दिन कठिन परिश्रम करना पढता , लेकिन जिस इंसान में लगन होती है वही कोयले से हीरा बनाने का माद्दा रखते हैं । ऐन्ड्रू काम से समय निकाल कर सफल लोगों की कहानियां पढता था उनसे प्रेरणा लेता था । धीरे -धीरे समय बीतता गया , ऐन्ड्रू ने कुछ दिन बाद एक पोस्टमैन की नौकरी भी की । शहर में बड़ी लाइब्रेरी थी जहाँ किताबों का विशाल संकलन था । ऐन्ड्रू वक्त निकाल कर लाइब्रेरी में पढता रहता था । यहाँ उसने कुछ इंटस्ट्री और बिज़निस के बारे में सीखा , नौकरी करते हुए कुछ पैसे इकट्ठे किये और धीरे धीरे स्टील बनाने वाली कम्पनीयों में इन्वेस्ट करने लगे जिससे उन्हें अच्छी इनकम हो जाती थी इसी तरह समय का चक्र चलता गया और फिर ऐन्ड्रू ने एक दिन अपनी खुद की कंपनी बनाने की सोची ।
यही सोचकर Carnegie Steel Corporation नाम की एक कंपनी की स्थापना की शुरुआत में कंपनी औसत रही लेकिन ये ऐन्ड्रू कार्नेगी की मेहनत और लगन का ही नतीजा था की कुछ ही सालो में ऐन्ड्रू स्टील किंग बन गए और बहुत जल्द उन्हें Builders of America का अवार्ड मिला । एक समय था जब ऐन्ड्रू कार्नेगी की अकेली कंपनी पूरे ब्रिटेन से ज्यादा स्टील उत्पादन करती थी । और इसी लगन ने एक दिन ऐन्ड्रू को बना दिया “दुनिया का सबसे अमीर इंसान “, 1889 में ऐन्ड्रू कार्नेगी को दुनिया का सबसे अमीर इंसान घोषित किया गया ।
अपनी लगन और परिश्रम से ऐन्ड्रू ने इतिहास को बदल कर रख दिया जिस व्यक्ति का परिवार एक समय भुखमरी से जूझा हो उसके लिए दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनना एक मिशाल पेश करने से काम नहीं हैं ।
तो मित्रों दृंढ निश्चय और मेहनत से पहाड़ो का भी सीना चीरा जा सकता है बस जरुरत है अपने आत्मविश्वाश को जगाने की
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