15 अप्रैल 2016

सफलता का अर्थ (Safalta ka arth)

By: Successlocator On: अप्रैल 15, 2016
  • Share The Gag

  • मेरे प्रिय युवा साथियों, यदि मैं आपसे सफलता की परिभाषा पूछूँ, तो मैं जानता हूँ कि आपका उत्तर क्या होगा। आपका उत्तर यही होगा कि जिस उद्देष्य में हम लगे हुए है, उस उद्देष्य को पा लेना ही सफल हो जाना है।
    एक खिलाड़ी जब गोल्ड मैडल पा लेता है, एक विद्यार्थी जब परीक्षा में पास हो जाता है, इन्टरव्यू देने वाले को जब नौकरी मिल जाती है, मजदूर को जब मजदूरी मिल जाती है और किसान जब अपनी बोयी हुई फसल काट लेता है तो इसे ही सफल हो जाना कहते हैं। मैं समझता हूँ कि यही आपका उत्तर होगा और निष्चित रूप से आपका यह उत्तर गलत नहीं है। लेकिन मैं यहाँ आपको सफलता की थोड़ी सी अलग और एक नई परिभाषा से परिचित कराना चाहता हूँ। हो सकता है कि यह नई परिभाषा आपके गले न उतरे। लेकिन विष्वास कीजिए कि यदि आपने किसी तरह इस परिभाषा को अपने गले उतार लिया, तो आपका जीवन एक नई गुणवत्ता और एक नए आनन्द से भर उठेगा।

    आप एक पेड़ लगाते हैं। जब उसमें फल आने लगते हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि आप सफल हो गए। वृक्ष जब फल सहित हो गया, तो आपका वृक्ष लगाना सफल हो गया। इसके ठीक विपरीत क्या हम यह भी कह सकते हैं कि यदि वृक्ष में फल नहीं आया, जैसा कि अक्सर पपीतों के साथ हो जाता है, तो आपका वृक्ष लगाना व्यर्थ हो गया। यानी कि आप असफल हो गये। मित्रों, मैं इसी बारे में आपको एक नया विचार देने जा रहा हूँ। इसके लिये आपको मेरे द्वारा दिये गये इन कुछ प्रष्नों के उत्तर देने होंगे। इनके उत्तर में ही शायद सफलता की यह नई परिभाषा आपको दिखाई देने लगेगी। मेरे कुछ प्रष्न इस प्रकार हैं:-




    1.         जब आपने उस वृक्ष को लगाया था, तो क्या आपको इसे लगाने की खुषी नहीं हई थी?

    2.         वृक्ष को बढ़ता हुआ देखकर क्या आपको आनन्द की अनुभूति नहीं हुई?

    3.         जब आप उसमें खाद-पानी देते थे, तो क्या आपका मन प्रसन्न नहीं होता था? ठीक इसके विपरीत जब वह वृक्ष सूखने लगता था, तो क्या आपके मन में पीड़ा नहीं होती थी?

    4.         क्या किसी भी वृक्ष की उपयोगिता केवल इतनी ही है कि उसमें फल लगें? क्या फूलों का कोई भी महत्व नहीं है? आम का पेड़ बौरों से लदा-फदा रहता है लेकिन सारे बौर आम नहीं बनते। यदि बनने लगें, तो पक्का जानिए कि पेड़ की डँगालें फलों के बोझ को बर्दाष्त नहीं कर पायेंगी। फिर तो पेड़ ही नहीं बचेगा। जब पेड़ ही नहीं बचेगा, तो फिर फल आयेंगे कहाँ से। तो क्या हम यह नहीं माने कि उन फूलों का भी महत्व कम नहीं था, जो फल नहीं बने? बल्कि उन फूलों का महत्व तो इसलिए अधिक है, क्योंकि उन्होंने कुछ फूलों की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी।

    5.         चलिए हम फल और फूल के बारे में तो जानते ही हैं। लेकिन क्या वृक्ष का महत्व केवल फल और फूल से ही है? क्या वृक्ष अपने आपमें ही देखने में सुन्दर और सन्तोष देने वाला नहीं होता? क्या उसकी छाया की कोई कीमत नहीं है? क्या उसके पत्ते, उसकी डँगालों और उसकी लकड़ी का कोई मूल्य नहीं है? यदि इस पेड़ का सही मूल्य पूछना है, तो हमें उस पक्षी से भी बात करनी चाहिये, जिसने उस पेड़ की डंगालों पर या खोह में अपना छोटा-सा घोंसला बना रखा है। क्या इस बात को कोई महत्व नहीं है कि पेड़ कार्बनउाइआक्साइड को अवषोषित करते हैं और बदले में ऑक्सीजन छोड़ते हैं?

    मित्रों, आप जब मेरे इन प्रष्नों का सिलसिलेवार उत्तर देने की कोषिष करेंगे, तो आपके सामने सफलता की नई-नई परतें खुलने लगेंगी। ये नई-नई परतें खुलते-खुलते हो सकता है आपको इस निष्कर्ष पर पहुँचा दें कि असफलता नाम की कोई वस्तु होती ही नहीं है। यदि असफलता होती भी है, तो उसका स्थान केवल हमारे दिमाग में होता है, जीवन में नहीं। हम कुछ कर रहे थे। हमने सोच लिया था कि इसके करने से ऐसा होगा। जब वैसा नहीं हुआ, तो हम समझ लेते हैं कि करा-कराया सब बेकार चला गया। हम ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि हमारे विचारों की आँखें मोतियाबिन्द की षिकार हो गईं हैं। वे दूर की चीजों को देख ही नहीं पातीं। उसकी दृष्टि फल तक इतनी अधिक सिमट गई हैं कि वृक्ष का अपना सम्पूर्ण सौन्दर्य वहाँ से गायब हो गया है।

    साथियों, सच तो यह है कि सफलता की सच्ची परिभाषा है-कर्म में आनन्द की प्राप्ति करना। यदि आप काम कर रहे हैं और काम करते हुए आपको अच्छा लग रहा है, तो इसका अर्थ यही हुआ कि आप सफल हो गये। आप संगीत इसलिए सुनते हैं, क्योंकि आपको संगीत सुनना अच्छा लगता है। आप खुद बताइये कि इस संगीत सुनने के बदले आपको यथार्थ में मिलता क्या है-कोई डिग्री, कोई धन, कोई पुरस्कार, कोई प्रषंसा या इसी तरह की अन्य कोई वस्तु? सच तो यही है कि इस संगीत को सुनने के बदले आप अपनी ओर से ही कुछ न कुछ देते हैं। तो यदि आपको संगीत सुनने के बदले कुछ नहीं मिलता, तो क्या यह आपका असफल हो जाना हुआ? और यदि ऐसा नहीं हुआ, तो इसका मतलब हुआ कि आप सफल हो गय
    आप संगीत इसलिए सुनते हैं, क्योंकि आपको संगीत सुनना अच्छा लगता है। आप खुद बताइये कि इस संगीत सुनने के बदले आपको यथार्थ में मिलता क्या है-कोई डिग्री, कोई धन, कोई पुरस्कार, कोई प्रषंसा या इसी तरह की अन्य कोई वस्तु? सच तो यही है कि इस संगीत को सुनने के बदले आप अपनी ओर से ही कुछ न कुछ देते हैं। तो यदि आपको संगीत सुनने के बदले कुछ नहीं मिलता, तो क्या यह आपका असफल हो जाना हुआ? और यदि ऐसा नहीं हुआ, तो इसका मतलब हुआ कि आप सफल हो गये। और आप सफल इसलिए हो गये, क्योंकि संगीत सुनने में आपको आनन्द आ रहा था। तो यदि कर्म करने में ही आनन्द आने लगे, तो क्या वह अपने आप में ही सफलता नहीं बन जायेगी? बन जायेगी, और मेरे प्यारे मित्रों, खूब अच्छी सफलता बन जायेगी। जिस दिन आप सफलता की इस नई परिभाषा को जान लेंगे, उस दिन से आपके जीवन से तनाव, दुख, अवसाद, खीझ और निराषा जैसे नकारात्मक भाव आपसे कोसों दूर चले जायेंगे।

    ऐसा मत समझिए कि मैं कोई कोरे सिद्धान्त की बात कर रहा हूँ। ऐसा भी मत समझिए कि मैं आपको चौंकाने के लिए यह बात कह रहा हूँ। मैं यह बात सिर्फ इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि यही एकमात्र सच है। दुनिया में जितने भी लोगों ने सफलता के एवरेस्ट को छुआ है, वे ऐसा केवल इसलिए कर सके, क्योंकि उन्हें चढ़ाई में ही आनन्द आ रहा था। कोई भी बड़ा काम बिना आनन्द के किया ही नहीं जा सकता। आप मेरी इस बात पर तभी विष्वास करेंगे, जब आप थोड़ा-सा इसका स्वाद चख लेंगे। मैं यह बात दावे के साथ इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि मैंने इसका स्वाद चखा है। और मैं चाहता हूँ कि आप भी इसका स्वाद चखें।

    14 अप्रैल 2016

    कहानियाँ, कैसे लोग होते हैं सफल Real Businessman Motivational Story

    By: Successlocator On: अप्रैल 14, 2016
  • Share The Gag

  • कहा जाता है कि जब कोई इंसान अपनी लगन, एकाग्र लक्ष्य और पूरे दृंढ संकल्प के साथ जब कोई काम करता है तो उसको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। जब परिस्थितियाँ आपके विपरीत हों और आपको कोई उम्मीद की किरण ना दिख रही हो तो इंसान को धैर्य और सब्र नहीं खोना चाहिए और परिस्थियों के आगे हार नहीं माननी चाहिए और लगातार सफलता के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

    Su-Kam Inveter, आज ये कंपनी विश्व विख्यात है और करीब 70 से ज्यादा ज्यादा देशों में इसका कारोबार फैला है और हाल ही में इसके मालिक “कुंवर सचदेव जी” ने बताया की कम्पनी का करीब 29 बिलियन डॉलर (1836 अरब रुपए) का टर्नओवर है। लेकिन शायद कोई ये नहीं जानता कि इस कम्पनी की शुरुआत एक छोटी सी दुकान के रूप में हुई थी।

    आसान नहीं था रास्ता

    जब कुंवर सचदेव दसवीं कक्षा में पढ़ते थे, उस समय वो अपने भाई के साथ मिलकर घर घर जाकर पेन बेचा करते थे जिससे कुछ पैसे कमाया करते थे। उन्होनें कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो इतनी बड़े स्तर पे बिज़निस(Business) करेंगे। बाद में उन्होंने वो काम छोड़कर एक टीवी केबल वाले के पास नौकरी कर ली और घर घर जाकर टीवी केबल लगाते थे। काफी समय संघर्ष भरा रहा लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी से दस हजार रुपये इकट्ठे किये और अपनी एक खुद की दुकान खोली जिसका नाम रखा “Su-Kam” और फिर ये खुद के केबल distribute करते थे।
    कैसे बने इलेक्ट्रॉनिक के किंग

    उन दिनों inverter बनाने की कम्पनियां विदेशों में भी नहीं थी। एक दिन कुंवर सचदेव जी को विचार आया कि कि क्यों ना एक इन्वर्टर बनाने का काम शुरू किया जाये। बस उसी दिन उनकी सफलता की शुरुआत हुई, उन्होंने कई अच्छे इंजीनियरों को अपने साथ जोड़ा और बहुत छोटे स्तर पे inverter बनाने का काम शुरू किया। काफी लोगों ने उन्हें रोका भी कि आपको इस बिजनिस की कोई समझ नहीं है तो आप इसमें सफल नहीं हो पाएंगे लेकिन वो अपनी जिद पे अड़े रहे और बहुत जल्द इंजीनियरों की मदद से काफी अच्छे डिजाइन के इन्वर्टर मार्किट में लाये और सौभाग्यवश लोगों को इन्वर्टर बहुत पसंद आये। धीरे धीरे उनका बिज़निस अच्छा चलने लगा और जल्द ही पुरे भारत में उन्होंने सफलतापूर्वक अपना व्यापार जमा लिया।

    एक सलाह

    कुंवर सचदेव जी युवाओं के लिए एक सन्देश देना चाहते हैं। वो बताते हैं कि आज के युवा हताश रहते हैं कि उनके पास business करने के लिए पैसे नहीं हैं, या उनके पास अच्छी डिग्री नहीं है। लेकिन कुंवर सचदेव जी कहते हैं कि केवल स्कूल की पढाई या डिग्री लेकर कोई बिज़नेसमैन नहीं बन सकता उसके लिए अच्छी समझ, मेहनत और लगन की जरुरत होती है। अगर आपके अंदर भी वो लगन और सफल बनने का जज्बा है तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती।

    एक सन्देश

    मित्रों अक्सर हम लोग ऐसे सफल लोगों की कहानियाँ अख़बार या पत्रिका या टीवी पर अक्सर देखते हैं और प्रभावित भी होते हैं लेकिन केवल कुछ समय के लिए उसके बाद हम फिर से अपनी पुरानी जिंदगी जीने में लग जाते हैं। आज मैं चाहता हूँ कि आप भी अपने अंदर की चिंगारी को बुझने ना दें, आप भी अपने लिए कुछ बड़ा सोचें। जैसा कि कुंवर सचदेव जी ने कहा- अगर आपके अंदर भी लो लगन और सफल बनने का जज्बा है तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। तो आपको इस लेख से क्या शिक्षा मिली और आपने अपने लिए क्या बड़ा सोचा हमें नीचे कॉमेंट में जरूर बताएं।
    इसे भी पढ़ें :

    11 अप्रैल 2016

    "सफलता के मूल-मंत्र"(Key of Success)

    By: Successlocator On: अप्रैल 11, 2016
  • Share The Gag






  • ''गिरते हैं घुड़सवार ही मैदान -ए -जंग में , वो तिफ्ल क्या गिरेंगे जो चलते है घुटनों के बल''
    अर्थात प्रयास करने वाले को ही ठोकर लग सकती है या संभवत: सफलता या असफलता मिल सकती है,लेकिन  जो प्रयास ही नहीं करते उन्‍हें न सफलता मिल सकती है और न असफलता.


    यदि आप सफलता चाहते हैं तो आपको प्रयास तो करना ही पडेगा.आपको कष्टों को अपनाना ही होगा। यदि कष्टों से घबड़ा कर प्रयास ही छोड़ देंगे तो फिर सफलता के बारे में सोचना ही बेकार है. जीवन में सफलता पाने के लिये आशावादी होना चाहिये.निराशा आपको गहरे खन्दक में ले जायेगी.चिंता चिता के समान है. चिंता को त्यागना अत्यावश्यक है। यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल किया जा सकता है तो चिंता करने की क्या आवश्यकता है और यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल नहीं किया जा सकता तो चिंता करने से फायदा ही क्या है?
    कुछ मूल-मंत्र :


    हमारा  सफलता का ही  उद्देश्य होना चाहिये,दृढ संकल्प से किया हुआ कार्य अवश्य ही सफल होगा.
    जीवन में कुछ बातें या घटनाएं संयोगवश हो सकती हैं। लेकिन आप अगर इस इंतजार में रहेंगे कि सब कुछ अपने आप अकस्मात ही आपको हासिल होगा, तो शायद आप सारी जिंदगी इंतजार ही करते रह जाएंगे, क्योंकि संयोग हमेशा तो नहीं हो सकता।
    स्वयं की गलती को पहचाने,और इसे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिये. दूसरों की गलती निकालना बहुत सरल है किन्तु स्वयं की गलती को स्वीकार करना अत्यन्त मुश्किल लगता  है।
    गलतियाँ करना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, गलतियाँ कष्ट देती है पर इसे सुधारने पर हम सफलता के नए द्वार पर होते है.
    दूसरों की शिकायत करने वाला व्यक्ति हमेशा अशांत रहता है और कभी भी सफल नहीं हो पाता। सफलता और शांति पाने के लिये बेहतर है कि स्वयं को बदलें।
    महान बनने की कोशिश न करें। ‘मुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगा’, इसकी चिंता छोड़कर अगर अपने जीवन के लक्ष्य पर ध्यान देंगे और उसका दायरा बढ़ाएंगे, तो आप खुद एक असाधारण व्यक्ति बन जाएंगे।
    साहसी बनें और किसी अवसर के खो जाने पर कभी भी आँसू न बहायें।अश्रु कायर बहाते हैं।सोचना है हम कायर नही है।
    जीवन में परिवर्तन एक प्राकृतिक नियम है। अतः परिवर्तन को स्वीकार करें। परिवर्तन को स्वीकारने पर अन्य सभी बातें अपने आप ही परिवर्तित हो जायेंगी।
    विकट परिस्थिति में भी ज्याद दुखी न होकर,विकट परिस्थिति के हटाने के बारे में सोचना चाहिये.हास्य के पात्र न बनें.
    संभव की सीमाओं को जानने का एक ही तरीका है कि उन से थोड़ा आगे असंभव के दायरे में निकल जाइए।
    हालांकि कोई भी व्यक्ति अतीत में जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति अभी शुरुआत कर सकता है और एक नया अंत प्राप्त कर सकता है।
    यदि आप में आत्मविश्वास नहीं है तो आप हमेशा न जीतने का बहाना खोज लेंगे।
    किसी के गुणों की प्रशंसा करने में, अपना समय मत बरबाद मत करो, उसके गुणों को अपनाने का प्रयास करो।
    बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं.
    एक बार किसी कार्य को करने का लक्ष्य निर्धारित कर लेने के बाद, इसे हर कीमत तथा कठिनाई की लागत पर पूरा करें. किसी कठिन कार्य को करने से उत्पन्न आत्म विश्वास अभूतपूर्व होता है।


    हम में से जीवन किसी के लिए भी सरल नहीं है. लेकिन इससे क्या? हम में अडिगता होनी चाहिए तथा इससे भी अधिक अपने में विश्वास होना चाहिए. हमें यह विश्वास होना चाहिए कि हम सभी में कुछ न कुछ विशेषता है तथा इसे अवश्य ही प्राप्त किया जाना चाहिए।
    ग़लतियों से न सीखना ही एकमात्र ग़लती होती है।
    यह कहना कठिन होता कि असंभव क्या है, क्योंकि विगत का स्वप्न, आज की आशा और कल की वास्तविकता होती है।
    अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल न हो पाने का कारण यह हैं कि हम छोटी चाजों को पहले करने मे अपना समय बिता देते हैं।
    जब तक किसी व्यक्ति द्वारा अपनी संभावनाओं से अधिक कार्य नहीं किया जाता है, तब तक उस व्यक्ति द्वारा वह सब कुछ नहीं किया जा सकेगा जो वह कर सकता है।
    जीवन की त्रासदी इस बात में नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचते हैं, त्रासदी तो इस बात की है कि आपके पास प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं है।


    आपकी प्रतिभा, आपको भगवान का दिया गया उपहार है, आप इसके साथ क्या करते हैं, यह आपके द्वारा भगवान को दिया गया उपहार होता है।
    रहिमन मनहि लगाईं कै, देखि लेहू किन कोय
    नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय

    10 अप्रैल 2016

    सफलता की संभावनाएं हर जगह मौजूद हैं | possibility impossibility Best Hindi Story

    By: Successlocator On: अप्रैल 10, 2016
  • Share The Gag

  • एक बार एक साबुन बनाने वाली कंपनी ने अपने साबुन की बिक्री को बढ़ाने के लिए कंपनी की कुछ नई ब्रांच खोलने के बारे में सोचा।

    कंपनी को कुछ ऐसी जगहों की तलाश थी जहाँ वह अपनी नई ब्रांच खोल सके।

    कंपनी ऐसी जगह तलाश करना चाहती थी जहाँ उनके साबुन के बिकने की बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हों।

    ऐसी जगहों को तलाश करने के लिए कंपनी ने अपने दो अच्छे एग्जीक्यूटिव (executives) को भेजा।

    दोनों एग्जीक्यूटिव एक ऐसे स्थान पर गए जहाँ सभी लोग अपने दैनिक जीवन में साबुन का प्रयोग करते थे। साबुन की अधिक मांग होने के कारण उस जगह पर बहुत सी साबुन की कंपनी पहले से ही थीं।

    वहां उन दोनों ने अपने-अपने तरीके से सर्वे (Survey) किया और बाद में अपनी कंपनी के सामने अपनी-अपनी रिपोर्ट पेश की।

    पहले एग्जीक्यूटिव ने अपने सर्वे में लिखा था, "यहाँ पर बहुत सी साबुन बनाने वाली कंपनी पहले से ही स्थापित हैं जो यहाँ के सभी लोगों को साबुन सप्लाई कर रहीं हैं। साबुन की कंपनियों में बहुत कम्पटीशन है। मेरे अनुसार ऐसी जगह पर एक नई साबुन की कंपनी लगाना सही नहीं होगा। साबुन नहीं बिकेंगे और कंपनी को घाटा हो सकता है।"

    अब कंपनी के मालिक ने दूसरे एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट पढ़ी जिसमे लिखा था, "यहाँ के सभी लोग साबुन का बहुत अधिक प्रयोग करते हैं। साबुन के बिकने की यहाँ संभावनाएं बहुत अधिक है। इसी वजह से बहुत सी साबुन की कंपनियां यहाँ स्थापित हो चुकी हैं। यदि हमारी कंपनी अच्छे क्वालिटी का साबुन बनाकर यहाँ बेचे तो साबुन बहुत बिकेंगे और कंपनी को बहुत अधिक फायदा होगा।"

    कंपनी के मालिक को दूसरे एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट ज्यादा अच्छी लगी।

    अतः कंपनी ने उस जगह एक नई ब्रांच बना दी। वहां अच्छी क्वालिटी का साबुन बनाया गया जो लोगों को बहुत पसंद आया। कंपनी के साबुन उम्मीद से अधिक बिकने लगे और इससे कंपनी को बहुत अधिक फायदा हुआ।
    अब कंपनी ने अपने दो एग्जीक्यूटिव को किसी दूसरे स्थान पर भेजा।

    दोनों एग्जीक्यूटिव जब वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि यहाँ के लोग साबुन का प्रयोग ही नहीं करते हैं। इसी वजह से यहाँ कोई साबुन बनाने वाली कंपनी भी नहीं है।

    दोनों एग्जीक्यूटिव ने अपने-अपने सर्वे किये और अपनी कंपनी को रिपोर्ट पेश की।

    पहले एग्जीक्यूटिव ने लिखा था, "यहाँ पर कोई भी व्यक्ति साबुन का इस्तेमाल नहीं करता है। शायद इसी वजह से यहाँ कोई भी साबुन बनाने की कंपनी नहीं है। मेरे अनुसार जब यहाँ के लोग साबुन खरीदते ही नहीं है तो यहाँ अपनी कंपनी की ब्रांच खोलना बिलकुल भी सही नहीं होगा।"

    अब दूसरे एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट को पढ़ा गया जिसमे लिखा था, "यहाँ कोई भी साबुन का प्रयोग नहीं करता। शायद यही सोचकर किसी भी कंपनी ने अपनी ब्रांच यहाँ नहीं खोली है। लेकिन मेरे अनुसार यहाँ पर साबुन के बिकने की बहुत अधिक सम्भावनाएं मौजूद हैं। यदि यहाँ के लोगों को साबुन के प्रयोग करने से होने वाले फायदों के बारे में बताया जाये तो सभी लोग साबुन खरीदेंगे जिससे हमारी कंपनी को एक बहुत बड़ा मार्केट मिल जायेगा जिससे कंपनी को बहुत अधिक फायदा होगा।"

    अब यहाँ भी कंपनी के मालिक ने दूसरे एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट को सही माना और एक ब्रांच उस जगह बना दी। साथ ही साथ कुछ ऐसे लोगों को वहां भेजा जो साबुन से होने वाले फायदों को वहां के सभी लोगों को सही से बता सकें।

    इसका परिणाम यह हुआ कि वहां के लोगों को साबुन के प्रयोग के बारे में पता लगा और लोग साबुन को इस्तेमाल करने लगे जिससे कंपनी को बहुत फायदा हुआ और एक बहुत बड़ा Market कंपनी के हाथ लग गया।
    दोस्तों! इस कहानी से हमें यह पता चलता है कि सम्भावनाएं (Possibilities) हर जगह और हर व्यक्ति के अंदर मौजूद हैं। आवश्यकता तो बस उन संभावनाओं को खोजने की है।

    कहानी में Company द्वारा भेजे गए दूसरे एग्जीक्यूटिव ने साबुन को बिकने की संभावनाओं का पता लगाया। दूसरे एग्जीक्यूटिव ने दोनों स्थानों पर अपने तरीके से साबुन के बिकने की संभावनाओं को खोजा और यह Proof कर दिया कि यदि कोई भी व्यक्ति चाहे तो उसे प्रत्येक परिस्थिति (Situation) में सफल होने की संभावना मिल जाएगी।

    आपके अंदर किसी भी क्षेत्र में Success होने की सभी सम्भावनाएं मौजूद होती हैं।

    बचपन से ही आपके अंदर सारी सम्भावनाएं मौजूद होती हैं, लेकिन निर्णय (Decision) आपका होता है कि आप क्या बनना चाहते हैं। कोई इंजीनियर बनना चाहता है, कोई डॉक्टर बनना चाहता तो कोई कुछ और बनना चाहता है। आपके अंदर कुछ भी बनने की सभी सम्भावनाएं होती हैं।

    आप जो चाहें बन सकते हैं। बस एक बार आपको निर्णय लेना होगा कि आप क्या बनना चाहते है। फिर यदि आप उसी क्षेत्र में सही दिशा में कठिन परिश्रम (Hard work in right direction) करते हैं तो आप सफल हो सकते हैं। या आप आज जिस क्षेत्र में सफल हैं तो इसका मतलब है कि आपने उसी क्षेत्र में संभावनाओं को खोजा जिसकी वजह से आप सफल हो पाए।

    किसने सोचा था कि वास्तविक दुनिया (Real world) से भी बड़ी एक काल्पनिक दुनिया (Fantasy World) होगी। लेकिन जब ऐसी संभावनाओं को खोजा गया तो ऐसी दुनिया को भी खोज लिया गया है जो आज इंटरनेट के रूप में हमारे सामने मौजूद है।

    यह एक ऐसी दुनिया है जो वास्तविक दुनिया से भी बड़ी है।

    आपके अंदर भी सफल होने की सभी सम्भावनाएं मौजूद हैं।

    इस बात की पूरी सम्भावना है कि आप चाहें तो अपने मनपसंद Career में सफल हो सकते हैं।

    इस बात की पूरी सम्भावना है कि आप चाहें तो अमीर या करोड़पति (Rich or Millionaires) बन सकते हैं।

    इस बात की पूरी सम्भावना है कि आप चाहें तो एक Famous person बन सकते हैं।

    इस बात की पूरी सम्भावना है कि आप जो चाहें वह बन सकते हैं।

    असफलता (Failure) के बाद सफलता (Success) की सभी सम्भावनाएं आपके अंदर मौजूद हैं।

    हार (Defeat) के बाद जीत (Victory) की सभी सम्भावनाएं आपके अंदर मौजूद हैं।

    प्रत्येक निराशा (Disappointment) को आशा (Hope) में बदलने की सभी सम्भावनाएं आपके अंदर मौजूद हैं।

    गरीब जीवन (Poor life) को हटाकर एक अमीर जीवन (Rich life) जीने की सभी सम्भावनाएं आपके अंदर मौजूद हैं।

    मैं तो कहता हूँ कि एक साधारण इंसान (Simple person) से अमेरिका के राष्ट्रपति (President of America) बनने की सभी सम्भावनाएं आपके अंदर मौजूद हैं।

    आवश्यकता तो केवल उन संभावनाओं को खोजने की है।

    9 अप्रैल 2016

    सफलता पाने के 8 सूत्र – Top success formula in Hindi

    By: Successlocator On: अप्रैल 09, 2016
  • Share The Gag
  • सफलता पाने के 8 सूत्र – Top success formula in Hindi

    दुनिया में दो ही तरह के लोग है एक तो वो जो सफल है और दूसरे वो जो नहीं है जिनकी तादाद सफल लोगो से कंही ज्यादा है इसका साफ मतलब है जो लोग हमारी तुलना में सफल है वो लोग कुछ तो अलग करते ही है जो असफल होने वाले लोग नहीं करते है और किसी भी व्यक्ति का व्यापार में सफल होने के पीछे एक कहावत है कि ” किसी व्यापार में सफल होने के लिए कोई ऐसा तथ्य जानना होता है जो बाकि के लोग नहीं जानते है ऐसे ही सफल होने वाले लोगो के नेचर में भी कुछ खास बातें होती है जो उन्हें सफल बनाती है  | लेकिन फिर भी कुछ बुनियादी चीज़े है जिनका ध्यान रखकर अगर हम जिन्दगी में आगे बढ़ते है तो काफी हद तक सफलता के करीब पहुँच सकते है चलिए इस बारे में आगे बात करते है –

    किसी को बीच में नहीं टोके – अगर आप सच में सफल होना चाहते है तो एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी व्यक्ति को बीचे में नहीं टोके जब तक वो अपनी बात पूरी नहीं कर लेता है | एक अच्छा श्रोता बने और लोगो को ध्यान से सुने और कोशिश करे कि उनकी सफल असफ़ल कहानियों के बीच में आपके काम आ सकने वाले फैक्टर्स खोजे और देखें लोगो ने क्या गलतियाँ की है और उनसे सीखने की कोशिश करे |


    success formula



    मना करना सीखें – सफल लोगो में एक सबसे अलग बात जो होती है वो ये है कि वो लोग जानते है कि मना केसे किया जाता है इसलिए वो ऐसे ही सामने वाला नाराज नहीं हो इसके डर से फालतू की जिम्मेदारियां नहीं लेते है |क्योकि उन्हें पता है उन्हें किस तरह से काम करना है इसलिए अपने काम के आड़े आने वाली किसी भी जिम्मेदारी को जो उनकी जरूरतों से बाहर की होती है को लेने से बचते है |

    गोसिप से बचे – किसी भी गोसिप का हिस्सा बनकर समय खराब नहीं करें क्योंकि आप जानते है आपको क्या करना है इसलिए गॉसिप का हिस्सा बनाकर समय खराब करना कोई समझदारी नहीं है | जो किसी और के बारे में बात करता है जाहिर सी बात है आपके बारे में भी बात करता ही  होगा | सफल लोग खुलकर बात करते है |दूसरों की चर्चा में समय बर्बाद करना एक बड़े स्तर की बेवकूफी है |

    सही समय पर शुरुआत करें – सफल लोग अपने दिन की planing दिन के शुरुआत के साथ कर लेते है कि पूरे दिन भर उन्हें किस तरीके से काम करना है और किस को प्राथमिकता देनी है इसलिए वो लोग जल्दी उठते है अपना दिन प्लान करते है और किसी भी मीटिंग में देर से नहीं जाते है | समय की यही पाबन्दी उन्हें बाकि लोगो से अलग कर देती है |

    भावनाओं पर काबू रखें – ऐसे लोग दूसरे लोगो के कम को judge करने की बजाय अपने काम पर ध्यान देते है और इसलिए वो लोग अन्य सफल लोगो से प्रेरणा लेते हुए मंजिल की और बढ़ते जाते है | अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए वो किसी के कम में कमियां निकालने की बजाय अपने काम और skills में इम्प्रूवमेंट करते जाते है जिसका नतीजा बाद में उन्हें सफलता के रूप में प्राप्त होता है |

    अतीत को हावी होने न दे – जिन्दगी में हर कोई सफल पैदा नहीं होता और हर किसी को अपनी जिन्दगी खुद से बनानी होती है और जब हम अपने लिए ऐसा करते है तो बहुत सम्भावना है कि हम गलतियाँ भी करते है लेकिन ऐसे में अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए आपके आज के काम के बीच में अपने अतीत की गलतियों को कभी आड़े नहीं आने दे |

    किसी की नक़ल नहीं करें – सफल व्यक्ति बाकि लोगो से प्रेरणा तो लेते है लेकिन वो उनके जेसे बनने की कोशिश नहीं करते है | वो अपने सरल सहज और मूल स्वाभाव में बने हुए हमेसा कुछ न कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करते है |

    दोष नहीं दें – आज के दौर में जो लोग सफल है उन्हें विरासत में कुछ अधिक नहीं मिला था और उन्होंने अपना साम्राज्य खुद ही खड़ा किया है इसलिए ऐसा नहीं सोचे कि आपके पास समय कम है या संसाधन कम है बल्कि पूरे उत्साह से अपनी दिशा में काम करें ।

    ये कुछ खासियतें है जो सफल लोगो को असफल लोगो की भीड़ से अलग करती है अगर आप भी इनमे से कुछ अपने में डेवलप कर पाने के सक्षम होते है तो आप भी जिन्दगी में उन्ही की तरह ऊँचाई को छू सकते है और भीड़ से अलग हो सकते है ।

    8 अप्रैल 2016

    Power of Concentration | एकाग्रता से सफलता

    By: Successlocator On: अप्रैल 08, 2016
  • Share The Gag
  • बहुत पुरानी बात है, एक वन था जिसमें बहुत सारे मेंढक रहते थे| वहाँ एक बहुत बड़ा और उँचा पेड़ था| एक बार वन के सभी मेंढको की सभा हुई और उन्होनें एक प्रतियोगिता रखी | जिसमें जो मेंढक सबसे जल्दी पेड़ पे चढ़ कर चोटी पर पहुँचेगा उसे वन का राजा चुना जाएगा |

    अगले दिन सारे वन के मेंढक एक जगह एकत्रित हुए और सभी बारी बारी पेड़ पर चड़ने की तैयारी करने लगे| पर पेड़ उतना बड़ा था कि सारे मेंढक उपर चड़ने से घबरा रहे थे |


    बारी बारी सभी मेढक उपर चढ़ने लगे लेकिन धीरे धीरे क्या देखते हैं कि सारे मेंढक थक कर चूर होने लगते हैं और कुछ तो थककर वापस नीचे आने लगते हैं | कुछ मेंढक नीचे आकर उपर वालों को आवाज़ लगाते हैं कि वापस आ जाओ क्यूंकी पेड़ की चोटी पर पहुँचना असंभव है |

    सारे मेंढक नीचे आजाते हैं लेकिन एक छोटा सा मेंढक लगातार उपर चढ़ता जा रहा था | सारे मेढक उसे भी नीचे उतर आने को बोलने लगे लेकिन वह लगता ऊपर चढ़ता गया और छोटी पर पहुँच गया | जब वह नीचे वापस आया तो सबने उससे सफलता का रहस्या पूछना चाहा| वह कुछ भी नहीं बोला भीड़ में से किसी ने बताया कि वह बहरा है |

    तो मित्रों, यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है जब हम कुछ अच्छा काम करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो बहुत सारे लोग हमें पीछे खींचते हैं | हममें से बहुत सारे धैर्य छोड़ देते हैं लेकिन जो बिना रुके एकाग्रता से आगे बढ़ता है वो अंत में सफल हो जाते हैं| एकाग्रता, समर्पण और आत्मानुशासन के बिना या तो आप असफल हो जायेंगे, या अपने क्षमता से कहीं कम सफलता पा सकेंगे |