24 सित॰ 2016

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आदतों से छुटकारा : सफलता की सीढ़ी

By: Successlocator On: सितंबर 24, 2016
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  • यह पोस्ट मेरे प्रिय ब्लौगर लियो बबौटा की एक पोस्ट का अनुवाद है जिसमें हमेशा की तरह मैंने मामूली फेरबदल किये हैं.
    आपबहुत से लोग अपने जीवन के बहुत से पक्षों में इतना फेरबदल करना चाहते कि उन्हें समझ में ही नहीं आता कि शुरुआत कहाँ से करें.

    यह मुश्किल जान पड़ता है: लोग अपनी जीवन शैली में सुधार लाना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि उनकी कुछ आदतें जैसे स्मोकिंग करना और जंक फ़ूड खाना नियंत्रित हो जाएँ, वे बेहतर तरीकों से काम कर सकें, उनके खर्चे सीमा में हों, उनके जीवन में सरलता-सहजता आये, उन्हें परिवार के साथ समय व्यतीत करने को मिले, वे अपने शौक पूरे कर सकें…


    लेकिन शुरुआत कहाँ से करें?

    यह मुश्किल नहीं है – पांच साल पहले मेरी हालत भी ऊपर जैसी ही थी. एक-एक करके मैंने अपनी आदतें बदलीं.:

    * मैंने स्मोकिंग छोडी (और बाद में तो मैंने कई मैराथन दौड़ भी पूरी कीं).
    * स्वास्थ्यकर भोजन अपनाया (अब मैं पूर्णतः शाकाहारी बन गया हूँ).
    * कर्जे से मुक्ति पाई और पैसे बचाए (अब मुझे धनाभाव नहीं है).
    * अपने जीवन को सरल-सहज बनाया.
    * वह काम किया जो मुझे प्रिय है.
    * सुबह जल्दी उठना शुरू किया और रचनात्मकता बढ़ाई.

    यह लिस्ट और भी लंबी हो सकती है. मैं कोई डींगें नहीं हांक रहा हूँ बल्कि यह बताना चाहता हूँ कि यह सब संभव है. यह सब मैंने छः बच्चों के पालन-पोषण के साथ और तीन अलग-अलग तरह के काम करते हुए किया (जिसमें मुझे मेरी पत्नी इवा की भरपूर मदद मिली).


    आप लोगों में से कई मेरे हालात से गुज़र चुके होंगे. मेरे एक पाठक क्रेग ने मुझे बताया:

    • “मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक तौर पर पिछले पांच-सात साल मेरे लिए नर्क की तरह रहे हैं. उसके पहले मैं आत्मविश्वास से लबरेज खुशनुमा आदमी था और जो चाहे वह कर सकता था. मुझे नहीं पता कि मेरी ज़िंदगी किस तरह से ढलान पर आ गयी पर अब मैं अपना आत्मविश्वास खो चुका हूँ. मैं तनाव और चिंताओं से बोझिल हूँ. मेरा वजन लगभग 15-20 किलो बढ़ गया है. दिनभर में एक पैकेट सिगरेट फूंक देता हूँ. सच कहूं तो मैं अब खुद को आईने में देखना भी पसंद नहीं करता.”


    आगे वह लिखता है:


    • “रोज़ सबेरे पेट में कुलबुलाहट के साथ ही मेरी नींद खुलती है और मुझे लगता है कि आज का दिन बुरा गुजरेगा. मैं अक्सर देर से सोता हूँ और सुबह उनींदा महसूस करता हूँ. इन मुश्किलों से निबटने के लिए मैंने हर तरह की चीज़ें करके देखीं पर कुछ काम नहीं बना. मैं बस यही चाहता हूँ कि कम-से-कम मेरे दिन की शुरुआत की कुछ बेहतर हो जाए”.

    फिर उसने मुझसे सबसे ज़रूरी प्रश्न पूछा: “आपने अपने जीवन को रूपांतरित करने के लिए 2005 में इतने बड़े बदलाव कैसे कर लिए? आपने सुबह जल्दी उठकर सकारात्मत्कता के साथ अपने दिन की शुरुआत करना कैसे सीखा?”

    वर्ष 2005 में मैं ज़िंदगी के बुरे दौर से गुज़र रहा था और अपने जीवन में इतने सारे बदलाव कर रहा था कि मैं उनमें उलझ कर रह गया. इस सबसे मन में बड़ी गहरी हताशा घर कर रही थी.

    फिर मैंने (इवा से शादी करने के अलावा) अपने जीवन का एक बेहतरीन निर्णय लिया.


    मैंने सिर्फ एक ही आदत का चुनाव किया.

    बाकी आदतें पीछे आतीं रहीं. एक ही आदत को ध्येय बनाकर शुरुआत करने के ये चार परिणाम निकले.

    1. एक आदत को ढाल पाना मेरे बस में रहा. एक आदत विकसित की जा सकती है – 15 आदतों को बदलने का प्रयास करना कठिन है.

    2. इससे मैं एक जगह फोकस कर सका. मैं अपनी समस्त ऊर्जा को एक जगह लगा सका. जब आप बहुत सी आदतें एक-साथ बदलना चाहते हैं तो वे एक-दूसरे में उलझकर आपकी ऊर्जा नष्ट करतीं हैं और आप असफल हो जाते हैं.

    3. इससे मुझे यह भी पता चला कि आदतों को कैसे बदला जाता है – और इस ज्ञान को मैं दूसरी आदतें बदलने में प्रयुक्त कर सका.

    4. इसमें मिली सफलता से मैंने अपनी ऊर्जा और उत्साह को अगली चीज़ हासिल करने में लगाया.

    ऊपर कही गयी बातों में प्रत्येक का बहुत महत्व है. मैं पहली तीन बातों के विस्तार में नहीं जाऊंगा क्योंकि मुझे लगता है कि वे स्वयं अपने बारे में बहुत कुछ कह देतीं हैं. चौथा बिंदु इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और इसपर कुछ चर्चा की जा सकती है (नीचे पढ़ें).

    कौन सी आदत चुनें?

    मैंने सबसे पहले स्मोकिंग छोड़ने के बारे में सोचा क्योंकि मेरे लिए यह सबसे ज्यादा ज़रूरी था. आज पीछे मुड़कर देखने पर लगता है कि इस आदत को बदलना वाकई सबसे ज्यादा कठिन था. मैं सभी को यह सलाह दूंगा कि सबसे पहले उस आदत को बदलने की सोचें जिससे बाहर निकलना सबसे आसान हो.

    लेकिन सच तो यह है कि इस बात का कोई ख़ास महत्व नहीं है. यदि अप अपनी 15 आदतों को बदलना चाहते हों और वे सभी एक समान महत्वपूर्ण हों तो उनमें से किसी का भी चुनाव randomly किया जा सकता है.

    लंबी योजना में इस बात का अधिक महत्व नहीं है कि आपने किस चीज़ से शुरुआत की. आज से पांच साल बाद आप पलटकर देखेंगे तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आपने किन आदतों को बदलने से शुरुआत की थी. अभी आपको यह बात ज़रूरी लगती है पर सवाल आपने एक महीने भर का नहीं है – यह आपके पूरे जीवन की बेहतरी के लिए है.

    कोई एक आदत चुन लें. कोई सी भी. कोई आसान सी चुन लें. बात सिर्फ इतनी है कि आप शुरुआत भर कर दें.
    सफलता की सीढ़ियाँ

    एक आदत का चुनाव कर लेने से उसे आधार बनाकर स्वयं में महत्वपूर्ण और दूरगामी परिवर्तन किये जा सकते हैं. यदि आपने इसके बारे में पहले नहीं सोचा है तो यह समय बहुत महत्वपूर्ण है. आपको इस क्षण स्वयं को टटोलना शुरू कर देना चाहिए. आप परिपूर्ण नहीं हैं. यदि आप प्रयास करेंगे तो आप अपने भीतर उन कमियों या खामियों को खोज सकेंगे जिनके निराकरण से आपके जीवन में बेहतर बदलाव आयें.

    90 के दशक में मैंने बिल गेट्स की एक किताब पढ़ी थी जिसमें उसने अपनी ‘सफलता की सीढ़ियों’ के बारे में लिखा है. उसने MS-DOS बनाया और उसकी सफलता को आधार बनाकर MS-Word और फिर विन्डोज़, फिर विन्डोज़ 95, फिर एक्सेल, ऑफिस, इंटरनेट एक्स्प्लोरर… और भी बहुत कुछ (यह क्रम गड़बड़ हो सकता है पर उसकी बात गैरज़रूरी है)

    मैं बिल गेट्स का कोई फैन नहीं हूँ लेकिन उसका परखा और सुझाया गया सिद्धांत न केवल बिजनेस में बल्कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में लागू किया जा सकता है और वह यह है कि एक आदत बदलने से मिलनेवाली सफलता से आप शानदार अनुभव करेंगे. आप इससे इतने उत्साह में डूब जायेंगे कि आप फ़ौरन दूसरी आदत से पीछा छुड़ाने की सोचेंगे. यदि शुरुआत में आपने अपना ध्यान केवल एक ही आदत पर केन्द्रित रखा तो आपको आगे और भी सफलता मिलेगी और आप और आगे बढ़ते चले जायेंगे.

    फिर जल्द ही आप शिखर पर होंगे और लोग आपसे पूछेंगे कि आपने यह कैसे किया. तब आप मेरा नाम नहीं लेना पर बिल गेट्स के बारे में ज़रूर बताना क्योंकि उसका अहसान चुकाना बहुत ज़रूरी है:)
    Description: Aadat,habbit

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