18 अग॰ 2017

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एक अंजान व्यक्ति के डायरी के कुछ अंश।

By: Successlocator On: अगस्त 18, 2017
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  • दोस्तों ये मेरी पोस्ट एक अंजान व्यक्ति के डायरी के कुछ अंश बहुत ही अनोखा अध्याय है,मै ये नहीं जानता की ये किस व्यक्ति के है ये डायरिया मुझे एक मित्र के भंगार की दुकान पर मिली और मै उसे ले आया मैंने पढ़ा और मुझे अच्छा लगा तो मैंने सोचा की ये आप लोगो के साथ भी साझा करू शायद ये आप लोगो के भी जीवन में कुछ काम आये।मै ये अध्याय उस व्यक्ति के ही सब्दो में सीधे सीधे आपके समक्ष रखूँगा मैं इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं करूँगा।
                                                                16 मई 1987
    आज शनिवार है ,आज का दिन काफी अच्छा रहा आज मैं सदानंद जी से मिला जिन्होंने मुझे व्यापर करने के फायदे बताये और कुछ नयी योजनाये भी बताई ।बहुत अच्छा लगा मुझे बहुत सारे व्यापर करने की योजनाएं बनाते और उन पर काम करते करते लगभग नौ महीने हो गए है और लगभग कोई भी व्यापर सफल नहीं रहा, मैंने सबसे पहले मजदूरों का ठेका लेने का काम चालू किया उसमे मै उन्हें सँभाल न पाया और वह ठेका मेरा एक महीने के अंदर खत्म हो गया ,फिर मैंने कपड़ो का व्यापार किया वह भी लगभग असफल रहा।इससे मै बहुत दुखी और आहत हुआ और लगभग दो तीन महीने से कुछ नहीं करने की सोच कर पूरा ध्यान नॉकरी पर लगाया।परंतु नॉकरी से मेरा मन ऊब जाता है ।आज फिर से मेरे मन में एक योजना आयी है और मै नॉकरी के साथ में उस काम को कर सकता हु।
    दोस्तों इस अंश में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया गया है जो कभी हार नहीं मानता एक बार असफल हुआ दुबारा पुनः प्रयास किया फिर असफल हुआ फिर नयी शक्ति के साथ प्रयाश को तत्पर ।
    दोस्तों ये डायरिया मैंने पूरी नहीं पढ़ी है मैं अभी इन्हें पढ़ रहा हु जैसे ही मुझे इसमें कुछ आप लोगो के लिए उपयोगी लगेगा मै जरूर बताऊंगा।

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