11 सित॰ 2017
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दोस्तों आज मैं आपको भाग्यशाली और सफल लोगों के कुछ लक्षण बताने जा रहा हूं जिनका जिक्र महाभारत में विदुर जी ने किया हुआ है। अगर आपके पास भी है ये लक्षण तो आप भी हो सकते हैं जीवन में सफल। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो महात्मा विदुर जी ने जो बातें उनकी नीतियां में बताई है उन का अवश्य पालन करें। तो आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में।
विदुर जी कहते हैं कि हमेशा स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो मनुष्य ज्यादा से ज्यादा बीमारियों की गिरफ्त में रहता है उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार पुरुष कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है ऐसे मनुष्य को अपने शरीर के नुकसान के साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए कहा जाता है की बीमारियों से बचे रहना सबसे बड़ा सुख होता है।
दूसरी बात है किसी से उधार ना लेना। मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छा रखनी चाहिए। कई लोगों का मन उनके वश में नहीं होता है और वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार लेते हैं। दूसरों से उधार ले कर पाई हुई सुविधाएं कभी सुख नहीं देती हैं और कभी-कभार लोग लिए हुए कर्ज को चुका नहीं पाते हैं और उसके साथ-साथ अपने परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं। जो मनुष्य हमेशा क़र्ज़ से बचा रहता है वह सबसे ज्यादा भाग्यशाली होता है।
तीसरी बात है अपने देश में रहना। कई कारणों से कई लोग अपना देश छोड़कर किसी ओर देश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन जो अपने देश में रहने का सुख है वह और किसी देश में नहीं मिल सकता है। जो मनुष्य अपना पूरा जीवन अपने लोगों और अपने देश में बिताता है वह सबसे ज्यादा सुखी और भाग्यशाली होता है।
चौथी बात है अच्छे लोगों की संगति होना। जो मनुष्य अच्छे और विद्वान लोगों से दोस्ती रखता है और उनके साथ अपना समय बिताता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल मिलाप रखता है उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है वह सबसे अधिक भाग्यशाली होता है।
पांचवी बात है जीवन यापन के लिए किसी पर निर्भर रहना। जो मनुष्य अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए खुद धन कमाने के काबिल होता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं ऐसे लोगों का ना तो कोई स्वाभिमान होता है और ना ही दूसरों की नजर में सम्मान इसलिए जो खुद मेहनत करके अपना जीवन चलाता है उसे सबसे अधिक सुखी माना जाता है।
छठा है निडर होकर जीना। जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है तो वह उसी दुश्मनी के बारे में सोचता है। ताकतवर इंसान उसे और उसके परिवार को किसी तरह का भी नुकसान पहुंचा सकता है। किसी बात या किसी मनुष्य से डरने वाला मनुष्य कभी भी अपने जीवन का आनंद नहीं ले पाता है इसलिए जो व्यक्ति बिना भय के अपना जीवन जीता है वह सबसे अधिक सुखी माना जाता है।
तो दोस्तों यह थी वह बातें जिन के बारे में विदुर जी ने बताया है। इसको पढ़ने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं। यदि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक कीजिए और ऐसी ही पोस्ट पाने के लिए हमें फॉलो जरुर कीजिए धन्यवाद।
भाग्यशाली कौन है?
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On: सितंबर 11, 2017
दोस्तों आज मैं आपको भाग्यशाली और सफल लोगों के कुछ लक्षण बताने जा रहा हूं जिनका जिक्र महाभारत में विदुर जी ने किया हुआ है। अगर आपके पास भी है ये लक्षण तो आप भी हो सकते हैं जीवन में सफल। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो महात्मा विदुर जी ने जो बातें उनकी नीतियां में बताई है उन का अवश्य पालन करें। तो आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में।
विदुर जी कहते हैं कि हमेशा स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो मनुष्य ज्यादा से ज्यादा बीमारियों की गिरफ्त में रहता है उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार पुरुष कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है ऐसे मनुष्य को अपने शरीर के नुकसान के साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए कहा जाता है की बीमारियों से बचे रहना सबसे बड़ा सुख होता है।
दूसरी बात है किसी से उधार ना लेना। मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छा रखनी चाहिए। कई लोगों का मन उनके वश में नहीं होता है और वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार लेते हैं। दूसरों से उधार ले कर पाई हुई सुविधाएं कभी सुख नहीं देती हैं और कभी-कभार लोग लिए हुए कर्ज को चुका नहीं पाते हैं और उसके साथ-साथ अपने परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं। जो मनुष्य हमेशा क़र्ज़ से बचा रहता है वह सबसे ज्यादा भाग्यशाली होता है।
तीसरी बात है अपने देश में रहना। कई कारणों से कई लोग अपना देश छोड़कर किसी ओर देश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन जो अपने देश में रहने का सुख है वह और किसी देश में नहीं मिल सकता है। जो मनुष्य अपना पूरा जीवन अपने लोगों और अपने देश में बिताता है वह सबसे ज्यादा सुखी और भाग्यशाली होता है।
चौथी बात है अच्छे लोगों की संगति होना। जो मनुष्य अच्छे और विद्वान लोगों से दोस्ती रखता है और उनके साथ अपना समय बिताता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल मिलाप रखता है उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है वह सबसे अधिक भाग्यशाली होता है।
पांचवी बात है जीवन यापन के लिए किसी पर निर्भर रहना। जो मनुष्य अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए खुद धन कमाने के काबिल होता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं ऐसे लोगों का ना तो कोई स्वाभिमान होता है और ना ही दूसरों की नजर में सम्मान इसलिए जो खुद मेहनत करके अपना जीवन चलाता है उसे सबसे अधिक सुखी माना जाता है।
छठा है निडर होकर जीना। जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है तो वह उसी दुश्मनी के बारे में सोचता है। ताकतवर इंसान उसे और उसके परिवार को किसी तरह का भी नुकसान पहुंचा सकता है। किसी बात या किसी मनुष्य से डरने वाला मनुष्य कभी भी अपने जीवन का आनंद नहीं ले पाता है इसलिए जो व्यक्ति बिना भय के अपना जीवन जीता है वह सबसे अधिक सुखी माना जाता है।
तो दोस्तों यह थी वह बातें जिन के बारे में विदुर जी ने बताया है। इसको पढ़ने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं। यदि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक कीजिए और ऐसी ही पोस्ट पाने के लिए हमें फॉलो जरुर कीजिए धन्यवाद।
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