27 सित॰ 2017

मेरे जैसा कोई नही,(No one like me)

By: Successlocator On: सितंबर 27, 2017
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  • "आप धरती मे जन्मे अब तक के सबसे महान पुरुषो में से एक है"।(you are the greatest person ever born in the planet) हा दोस्तो ये बात सच है बस अपने आपको पहचानने की देर है,जब तक आप अपने आप को पहचानते नही तब तक आपकी जिंदगी एक जानवर से ज्यादा कुछ नही।जिस प्रकार जानवर सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ और सिर्फ अपने पेट की भूख मिटाने के लिए भटकता है,उसे उससे ज्यादा और किसी वस्तु की चाह नही होती,उसके मरने तक का सफर ऐसा ही रहता है।ठीक उसी प्रकार हम भी सुबह उठे और शाम तक पेट की भूख मिटाने के लिए दौड़ते रहे और फिर सुबह हुई तो फिर वही काम और ऐसा करते करते हम अपनी आखिरी पड़ाव में भी पहुँच जायेगे,उस समय जब हम अपने सम्पूर्ण जीवन का विश्लेषण करेंगे तब हमारे पास असंतोष के सिवाय और कुछ नही रहेगा।
    क्यों दोस्तो क्या पृथ्वी पर जन्मे सभी महान व्यक्तियों का जीवन ऐसा था जैसा हम जी रहे है बिलकुल भी नही, उनकी हर सुबह एक योजना(plan) के साथ होती है और रात उस योजना को खत्म होने या उस पर ही कार्य करते करते होती है,बस यही मामूली सा अंतर है,इसके अलावा कुछ भी विशेष नही है उनके पास उनके पास भी दो कान, एक नाक, दो हाथ, दो पैर,है उनके पास कोई जादू की छड़ी नही है उनका जुनून ही वो जादू की छड़ी है,जो हम भी पैदा कर सकते है।
    वैसे भी दोस्तो हमे किसी के भी जैसा बनने की जरूरत नही है हम अपने आप मे महान है क्योंकि जब हम दुनिया के सबसे महान व्यक्तियों में से एक है तो हम किसी और जैसे तो बिल्कुल भी नही हो सकते जो दूसरों के जैसा बनने की कोशिश करते है वे उनके जैसे तो नही बन पाते बल्कि अपने अस्तित्व को भी भूल जाते है और इस भीड़ में कही गुम हो जाते है,जो भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में अग्रणी है उन्होंने कभी के जैसा बनने का प्रयाश नही किया और न ही किसी के साथ प्रतिस्पर्धा में रहे वे सिर्फ अपने आप से ही प्रतिस्पर्धा करते रहे हर बार वे जैसे है उससे बेहतर बनाने का प्रयास करते रहेऔर एक दिन इतने बेहतर बन गए कि दुनिया उन्हें सलाम करने लगी।
    ऐसी मानसिकता भी मन मे लाने के लिए आपको कुछ करना है वो मैं आपको बताता हूं रोज सुबह उठकर आईने में अपने आपको देखकर इतना कहना है" मैं धरती मे जन्मे अब तक के सबसे महान पुरुषो में से एक है"।(I am the greatest person ever born in the planet) .दिन भर ये बात आपको याद रखनी है जब भी निराश आये बस इतना मैन में दोहराते जाए जब तक मन शांत न हो जाये।
    ये सभी बाते जिस दिन जान जायेगे उस दिन अकल्पनीय चमत्कार होगा उस दिन जो महानता आप तक ही सीमित थी दुनियाभर में फैल जाएगी।दोस्तो आपको मेरी पोस्ट कैसी लगी जरूर लिखे और आप कमेंट्स के माध्यम से हमसे बाते भी कर सकते हैं और अपने सवाल भी पूंछ सकते हैं।

    19 सित॰ 2017

    बड़े बदलाव की छोटी शुरुआत।(small start of big change)

    By: Successlocator On: सितंबर 19, 2017
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  • एक लड़का सुबह सुबह दौड़ने को जाया करता था | आते जाते वो एक बूढी महिला को देखता था |वो बूढी महिला तालाब के किनारे छोटे छोटे कछुवों की पीठ को साफ़ किया करती थी |
    एक दिन उसने इसके पीछे का कारण जानने की सोची |
    वो लड़का महिला के पास गया और उनका अभिवादन कर बोला ” नमस्ते आंटी !
    मैं आपको हमेशा इन कछुवों की पीठ को साफ़ करते हुए देखता हूँ
    आप ऐसा किस वजह से करते हो ?”  महिला ने उस मासूम से लड़के को देखा और  इस पर लड़के को जवाब दिया ” मैं हर रविवार यंहा आती हूँ और इन छोटे छोटे कछुवों की पीठ साफ़ करते हुए सुख शांति का अनुभव लेती हूँ |क्योंकि इनकी पीठ पर जो कवच होता है उस पर कचरा जमा हो जाने की वजह से इनकी गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है
    इसलिए ये कछुवे तैरने में मुश्किल का सामना करते है | कुछ समय बाद तक अगर ऐसा ही रहे तो ये कवच भी कमजोर हो जाते है

    इसलिए कवच को साफ़ करती हूँ |

    यह सुनकर लड़का बड़ा हैरान था | उसने फिर एक जाना पहचाना सा सवाल किया और बोला “बेशक आप बहुत अच्छा काम कर रहे है लेकिन फिर भी आंटी एक बात सोचिये कि इन जैसे कितने कछुवे है जो इनसे भी बुरी हालत में है जबकि आप सभी के लिए ये नहीं कर सकते
    तो उनका क्या क्योंकि आपके अकेले के बदलने से तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा न |
    महिला ने बड़ा ही संक्षिप्त लेकिन असरदार जवाब दिया: भले ही मेरे इस कर्म से दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा
    लेकिन सोचो इस एक कछुवे की जिन्दगी में तो बदलाव आएगा ही न | तो क्यों हम छोटे बदलाव से ही शुरुआत करें |

    अगर आप कोई लक्ष्य की तरफ़ बढ़ रहे हो तो तब तक ना रुको जब तक आप इसे प्राप्त ना कर लो । क्योंकि जब आप उस लक्ष्य को प्राप्त कर लोगे तो उसे जो आपको नींद आयेगी वो ऐसी होगी जो आपको कभी नही मिली थी

    कभी कभी दोस्तो के साथ स्कूल को बीच में छोड़कर भागना भी अच्छा रहता है - उनका कहना था कि अगर आपके अच्छे मार्क्स है तो वो आपको बड़े होने पर इतनी खुशी नही देंगे जितनी आपके दोस्तो के साथ बिताये वो अनमोल दिन देंगे ।

    कई लोगो को अपना लक्ष्य पत्ता होता है फिर भी वो टीवी ,इंटरनेट, सोशियल मीडीया ,आदि कि तरफ ज्यादा ध्यान देते है और अपना टाइम खराब कर लेते है। इसलिये आप इससे बचो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो ।
    हम कोई भी कार्य करते है तो हमको पता है किसी भी कार्य के बीच कठिनाई भी आयेगी , लेकिन आप इस परेशानी का हल निकाले और इसे हल करे। परेशानिया अपने आप चली जायेगी।

    18 सित॰ 2017

    चंद्रमा और मूर्ख बंदर

    By: Successlocator On: सितंबर 18, 2017
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  • एक रात एक छोटा बंदर कुँए पर पानी पीने के लिए गया. जब उसने कुँए में झाँककर देखा तो उसे पानी में चंद्रमा झिलमिलाता हुआ दिखाई दिया. यह देखकर वह बहुत डर गया और दूसरे बंदरों को यह बात बताने के लिए दौड़ा.

    दोस्तों! वह चिल्लाया चंद्रमा पानी में गिर गया है।

    कहाँ! किस जगह! दूसरे बंदरों ने पूछा. मेरे साथ आओ! मैं तुम्हें दिखलाऊँगा! छोटे बंदर ने कहा.

    छोटा बंदर उन्हें कुँए तक ले गया. वे सभी झुंड बनाकर कुँए में झाँकने लगे.

    अरे हाँ! चंद्रमा तो पानी में गिर गया है, वे चिल्लाये हमारा सुंदर चंद्रमा कुँए में गिर गया! अब रात में अँधेरा हो जायेगा और हमें डर लगेगा! अब हम क्या करें!,

    मेरी बात सुनो एक बूढ़े बंदर ने कहा हम सिर्फ एक ही काम कर सकते हैं, हमें चंद्रमा को कुँए से निकालने की कोशिश करनी चाहिए,

    हाँ! हाँ! ज़रूर! सभी उत्साह से बोले हमें बताओ कि ऐसा कैसे करें,

    वो देखो कुँए के ऊपर पेड़ की एक डाली लटक रही है. हम सभी उससे लटक जायेंगे और चुटकियों में चंद्रमा को कुँए से निकाल लेंगे,

    बहुत अच्छा तरीका है, सब चिल्लाये चलो डाली से लटकें



    देखते ही देखते बहुत सारे बंदर उस पतली सी डाली से लटक गए और कुँए के भीतर झूलने लगे. उनमें से एक बंदर कुँए के भीतर पानी में हाथ डालकर चंद्रमा को निकालनेवाला ही था कि ऊपर पेड़ पर डाली चटक गई. सभी मूर्ख बन्दर कुँए में गिरकर पानी में डूब गए. चंद्रमा आकाश में स्थिर चमकता रहा.

    कुछ शायरियों से समझे जिंदगी को।

    1.हम फूल तो नहीं, पर महकना जानते है,

    बिना रोये, गम भुलाना जानते है

    लोग खुश होते है हमसे

    क्योकि, हम बिना मिले ही रिश्ते निभाना जानते है।


    2.क्या खूब लिखा है, किसी ने

    तू कर ले हिसाब, अपने हिसाब से,

    लेकिन ऊपर वाला लेगा हिसाब, अपने हिसाब से

    जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है,

    ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है

    परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा।



    3.किसीको गलत समझने से पहले

    एक बार उसके हालात समझने की कोशिश जरुर करे

    हम सही हो सकते है,

    लेकिन मात्र हमारे सही होने से सामने वाला गलत नही हो सकता।



    4.जिन्दगी एक हसीन ख़्वाब है

    जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये

    गम खुद ही खुशी में बदल जायेंगे

    सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।



    5.होगी किसी की ख्वाहिश चांद सितारे पाने की

    अपनी तो ख्वाहिश है खुद सितारा बनने की

    कोई चाहता होगा किसी को दिल में बसाना

    अपनी तो चाहत हर दिल में बस जाने की।



    6.समय की कीमत अखबार से पूछो

    जो सुबह चाय के साथ होता है वही रात को रद्दी हो जाता है

    जिंदगी में जो कुछ भी हासिल करना हो उसे वक्त पर हासिल करो

    क्योंकि जिंदगी मौके कम और अफसोस ज्यादा देती है।

    17 सित॰ 2017

    भविष्य के बारे में ज्यादा न सोचें जानिए क्यों?

    By: Successlocator On: सितंबर 17, 2017
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  • एक बार एक देश के राजा ने मुल्ला नसीरूदीन को बुलाया और उस से पूछा कि तुम्हारे बारे में मैंने बहुत सुना है कि तुम बहुत चालाक हो इसलिए क्या तुम एक काम कर सकते हो जो मैं तुमसे कहने वाला हूँ।

    इस पर मुल्ला ने कहा मैं कुछ भी कर सकता हूँ बस आप एक बार आज्ञा दें। इस पर राजा ने कहा क्या तुम अपने इस प्रिय गधे को पढ़ना सिखा सकते हो इस पर मुल्ला ने कहा, हाँ क्यों नहीं मैं इसे आराम से सिखा सकता हूँ | इस पर राजा ने कहा ‘बकवास मत करो ‘ क्या गारंटी है तुम ऐसा कर सकते हो |

    मुल्ला ने जवाब दिया कि एक काम कीजिये आप मुझे पचास हजार स्वर्ण मुद्राएँ दीजिये उसके बाद मैं गारंटी लेता हूँ कि आठ साल के अंदर मैं इस गधे को पढना सिखा सकता हूँ इस पर राजा ने कहा अगर तुम ऐसा कर पाने में सफल नहीं होते हो तो मैं तुम्हे जेल में डाल दूंगा। मुल्ला ने हामी भर ली और वंहा से चला गया।

    घर आने के बाद मुल्ला से उसके एक दोस्त ने कहा ‘ मुल्ला तुमने ये क्या किया ? सब जानते है तुम ऐसा नहीं कर सकते फिर भी तुमने राजा को यह वचन दे दिया है क्या तुम्हे जेल जाने से डर नहीं लगता मुल्ला ने उत्तर दिया तुम इतना ज्यादा मत सोचो।

    क्योंकि आठ साल में तो या तो हमारा राजा नहीं रहेगा और हो सकता है मेरा गधा भी तब तक नहीं रहे लेकिन फिर भी अगर ऐसा होता है कि सात साल तक दोनों में से कोई भी नहीं जाता तो मेरे पास पूरा एक साल है कि मैं सोच सकता हूँ राजा की सज़ा से कैसे बचा जा सकता है।
    सोच ये ना रखें की मुझे रास्ता अच्छा मिले, बल्कि ये होना चाहिए कि मैं जहां पाव रखूं वो रास्ता अच्छा हो जाए. फर्क सिर्फ सोच का होता हैं सकारात्मक या नकारात्मक वरना सीढियां वही होती है जो किसी के लिए ऊपर जाती हैं, और किसी के लिए नीचे आती हैं साधारण और श्रेष्ठ में सिर्फ इतना सा अंतर है की साधारण उसको चुनते है जो आसान है लेकिन श्रेष्ठ उसे चुनता है जो मुश्किल है कोई फर्क नहीं पड़ता की लोग आपके बारे में क्या सोचते है, फर्क तो इससे पड़ता है की आप अपने बारे में क्या सोचते है  सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती हैं और अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते हैं.

    16 सित॰ 2017

    प्रतापी राजा मान सिंह और उनके चार अड़ियल घोड़ो की प्रेरणादायक कहानी।

    By: Successlocator On: सितंबर 16, 2017
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  • राजा मानसिंह बहुत ही चिंता में पड़ गए थे। उनके चार अड़ियल घोड़े किसी कीमत पर तालिम सीख ही नहीं रहे थे। देश परदेश से कई तालिमार्थी आए और गए। कुछ लोग तो इसी चक्कर में हड्डियाँ भी तुड़वा बैठे। पर जंगली घोडे टस से मस नहीं हो रहे थे। कुछ दिन बाद राजा मानसिंह नें ऐलान कर दिया की जो भी इन घोड़ों को तालिम दे पाएगा उसे में एक घड़ा भर के सोने के सिक्के दूंगा। इनाम की खबर सुन कर एक नौजवान आगे आया। उसने घोड़ों को तालिम देने की चुनौती स्वीकार कर ली। और यह शर्त रखी की यह कार्य होने तक उसे घोड़ों के साथ दूर अकेला छोड़ दिया जाये।  

    करीब तीन माह तक वह आदमी घोड़ों को ले कर किसी अंजान जगह चला गया। अब राजा मानसिंह को लगा की वह नौजवान वापिस नहीं आएगा। और अब तक घोड़े उसके कब्ज़े से भाग भी चुके होंगे। तभी उन्हे घोड़ों के तलवों (खुर) की आवाज़ सुनाये देने लगी। उनके चारों घोड़े एक कतार में आराम से चलते हुए उसी के महल की और आ रहे थे। और उन पर लगाम और गद्दी भी लगी हुई थी।

    इसका मतलब साफ था की वह चारो घोड़े अब तालिम ले चुके थे। राजा मानसिंह यह देख कर अति प्रसन्न हुए। उन्होने उसी वक्त घोड़ो को अपने कब्ज़े में लिया और उस नवयुवक को उसका इनाम दे दिया।

    फिर राजा मानसिंह नें उसे पूछा की तुम इस कार्य में सफल कैसे हुए। यह घोड़े तो अच्छों अच्छों की हड्डियाँ तुड़वा चुके हैं। तब उस नौजवान नें कहा की, मैंने इन घोड़ो को मुक्त विचरने दिया। जिस से इनका तनाव दूर हो गया।

    फिर धीरे धीरे इन के करीब से गुजरने लगा ताकि यह मेरी मौजूदगी स्वीकार करना सीख लें। उसके बाद मै इनहि के चरने के समय पास बैठ कर भोजन करता, जब यह आँख बंद कर के खड़े खड़े सुस्ताते तो मै भी इनके पास खड़ा खड़ा आंखे बंद कर के सोने का नाटक करता।

    जब यह घोड़े मस्ती में खेलते दौड़ते तो मै भी इनके साथ उछलता कूदता। इस तरह मैंने धीरे धीरे इन सब का विश्वास जीता। फिर इन पर गद्दी बिछाना शुरू किया। पहले यह जटक देते थे। पर आहिस्ता आहिस्ता इन्हे मेरी आदत हो गयी।

    फिर में लगाम बांधने लगा। तो यह थोड़े विचलित हुए। लेकिन इन्हे इतना भरोसा हो चुका था की में इन्हे नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा तो मै इस कार्य में भी सफल हुआ। धीरे धीरे मैंने इन पर सवारी करना शुरू किया।

    कई बार गुस्से में इनहोने मुझे गिरा भी दिया। पर मैंने सैयम खो कर इन से दूरव्यवहार नहीं किया। बस विनम्रता से प्रयास करता रहा। और अंत में मै इन्हे अन्य लोगों के पास ले जा कर उनको भी सवारी करवाना शुरू किया। जिस से इन घोड़ों को लोगों का डर भी निकल गया। अब यह घोड़े पूरी तरह से तालिमबद्ध और शांत हो चुके हैं। मेरा कार्य खत्म हुआ।

    राजा मानसिंह इस नौयुवक की चतुराई भरी बातें सुन कर बहुत खुश हुए। उन्होनेनें उस युवक को एक और सोने के सिक्कों से भरा हुआ घड़ा दिया। और उसे अपने घोड़ों के अस्तबल में प्रमुख कर्मचारी बनाने की पेशकश भी करी। वार्ता समाप्त।

    कहानी का सार – मानवी के मन के अंदर भी चार घोड़े होते हैं। मानस, चिंता, अहम और बुद्धि। इन चार तत्व को काबू करना है तो बहुत सैयम से काम लेना चाहिए। जैसे इस कहानी के नौजवान नें लिया था।

    दोस्तों अगर आप भी इस कहानी के हीरो जैसे सफल होना चाहते हैं तो अपने मन से दोस्ती कर लो। पहले खुद पर विश्वास करो। अपने मन से positive बात करो। खुद को खुश करो। यानि फिल्म देखो, घूमने जाओ, जो इन्सान अच्छा लगे उसके पास जाओ। खुद को खुश करो।

    ऐसा करने से आप का चित्त प्रसन्न होगा। और आप के मुश्किल से मुश्किल काम ऐसे चुटकियों में सफल होने लगेंगे। पोस्ट अच्छी लगे तो पोस्ट Like करो, पोस्ट Share करो। और हमें Subscribe करना भूलना नहीं। धन्यवाद।

    15 सित॰ 2017

    नरेंद्र मोदी का संघर्षों भर जीवन।

    By: Successlocator On: सितंबर 15, 2017
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  • दोस्तों अगर मैं आपसे एक सवाल पूछूं क्या नरेन्द्र मोदी जी को अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं तो आपका जवाब क्या होगा ?



    यकीन मानिए 80% लोग यह चाहते हैं कि आगे होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बने। और आप अगर उनके बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं, उन्होंने अपने पूरे जीवन में क्या-क्या किया और कैसे वो आगे बढ़े तो आपको उनकी बातें सुनकर गर्व होगा।

    आखिर कैसे वे एक चाय बेचने वाले लड़के से गुजरात के मुख्यमंत्री बने और कैसे वहां की जनता ने उन्हें चार बार लगातार वहां का मुख्यमंत्री चुना। देश में या यूँ कहें पूरे विश्व में ऐसी बहुत ही कम जगह है जहाँ पर एक ही व्यक्ति को लगातार चुनाव में जीतता है।

    नरेन्द्र मोदी जी के पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी एक बहुत गरीब परिवार से थे। दामोदर दास जी की चाय की दुकान थी जिसमें नरेन्द्र मोदी बचपन में उनकी मदद किया करते थे। और बाद में वो दुकान नरेंद्र मोदी जी अपने बड़े भाई के साथ चलाने लगे। मोदी जी बचपन में नाटक और राजनीती में बहुत दिलचस्प थे।
    द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब सेना के जवान स्टेशन पर आते थे तो नरेन्द्र मोदी जी उनकी सेवा करते थे। उनको सहारा देते थे उनका उपचार करते थे और बहुत सी चीजें उनको सही करने के लिए करते थे। मोदी जी ने अपनी पढ़ाई गुजरात यूनिवर्सिटी से पूरी की और उसके आगे की पढ़ाई डेल्ही वर्सिटी से पूरी की। नरेन्द्र मोदी जी गुजरात से लगातार चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। और दो हजार चौदह के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कुल सीटों में से दो सौ बहत्तर सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।और उसके बाद वे भारत के पंद्रहवें प्रधानमंत्री बने। मोदी जी दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं की लिस्ट में नौवें स्थान पर हैं और यह स्थान उनको विश्व प्रसिद्ध फोर्ब्स पत्रिका में दिया गया है।

    14 सित॰ 2017

    बुरा समय आने पर आपकी सहायक बनती हैं ये बातें, जानिए जीवन के इन नियमों को

    By: Successlocator On: सितंबर 14, 2017
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  • कई बार हमें अपने जीवन में असफलता मिलती है और हम निराश हो जाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी यहां दे रहें हैं जो असफल होने पर भी आपको जीवन से असंतुलित होने नहीं देंगी। जीवन में सफलता तथा असफलता साथ-साथ ही चलती है। कभी सफलता मिलती है तो खुशी होती है, पर जब असफलता मिलती है तब बहुत से लोग बहुत ज्यादा दुखी हो जाते हैं। वास्तव में असफलता भी सफलता की ही शुरुआत होती है। आज हम आपको जीवन के कुछ नियम यहां बताने जा रहें हैं जिनको जानने के बाद आप असफलता मिलने पर या बुरा समय आने पर अपने आप को संतुलित रख सकते हैं।वॉरेन बफे दुनिया के सबसे बड़े स्‍टॉक इन्‍वेस्‍टर हैं। उन्होंने कहा था कि बुरा समय सबके जीवन में आता ही है, पर उसको झेलने के कुछ रूल्स हैं। यदि आप इन रूल्स को फॉलो करते हैं तब आप बुरे समय के


    दुष्परिणाम से बच जाएंगे। बुरे समय के बाद में अच्छा समय भी आता है और वह आपको जीवन की नई-नई ऊचाइंयों पर ले जाता है। आज हम आपको इन रूल्स से ही मुखातिब करा रहें हैं, जो आपको जीवन में संभाले रखेंगे

    1 – कई लोग जीवन में असफल होने पर काफी परेशान हो जाते हैं। ऐसे में आप ध्यान रखें कि मुश्किल तथा नाकामी दोनों ही जीवन के हिस्से हैं। यदि आप इस बात को ध्यान रखेंगे तो यह बात आपको जीवन की मुश्किल परिस्थितियों में टूटने नहीं देंगे।

    2 – कई लोगों के जीवन में हालात समान नहीं रहते। ऐसे लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए हर समय की तरह यह बुरा समय भी गुजर जाएगा। यह शब्द आपको बुरे हालत में भी हौसला बनाए रखने का संदेश देते हैं।

    3 – चिंता करने तथा ज्यादा सोचने से कुछ नहीं बदलता है। यह सोच आप में नया जोश पैदा करेगी तथा आपको नए सिरे से काम करने लिए प्रेरित करेगी।

    4 – कई लोग बुरे समय को देखते हुए अपने जीवन को रोक देते हैं। ऐसे लोगों को चिंता बहुत हो जाती है। इस प्रकार के लोगों को सोचना चाहिए जो होना होगा वह होकर रहेगा, आगे बढ़ते रहों। यह सोच इस प्रकार के लोगों को आगे बढ़ाती है तथा उनको कामयाबी दिलाती है।

    13 सित॰ 2017

    अब्राहिम लिंकन एक विचारधारा।

    By: Successlocator On: सितंबर 13, 2017
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  • अमरीका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन दास प्रथा खत्म करने जैसे बड़े-बड़े कामों के लिए जाने जाते हैं। एक बार वह कांग्रेस में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्होंने एक असहाय सूअर को गहरे कीचड़ में धंसा देखा। उसकी पीड़ा ने उन्हें अधीर कर दिया। उन्होंने चालक से तुरंत गाड़ी रोकने के लिए कहा और जानवर को बाहर निकालने के लिए गाड़ी से उतरने लगे।
    यह देखकर चालक ने राष्ट्रपति से कहा, ‘‘आप जरूरी काम से कांग्रेस जा रहे हैं। ऐसा मत कीजिए, आपके कपड़े गंदे हो जाएंगे।’’
    इस पर लिंकन ने जवाब दिया, ‘‘सूअर का जीवन मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।’’
    लेकिन उनकी इस बात से चालक सहमत नहीं हुआ और बोला, ‘‘आप रहने दीजिए। मैं उस जानवर को निकालता हूं।’’
    ऐसा कह कर वह कीचड़ से सूअर को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। कीचड़ बहुत ज्यादा था और सूअर उसमें से निकल नहीं पा रहा था। अब लिंकन से रहा नहीं गया और वह भी कीचड़ में उतर पड़े। राष्ट्रपति और चालक की बहुत कोशिशों के बाद ही सूअर बाहर निकल सका। इस मशक्कत में लिंकन के सारे कपड़े कीचड़ से सन गए। चालक ने उनसे वापस घर चलकर कपड़े बदलने का निवेदन किया लेकिन लिंकन बोले, ‘‘कांग्रेस में समय से पहुंचना ज्यादा जरूरी है।’’
    वह कांग्रेस पहुंचे तो सभी उनकी हालत देखकर हैरान थे। जब यह पता लगा कि लिंकन ने किस तरह असहाय जानवर की रक्षा की तो क्या विरोधी और क्या समर्थक सभी उनके मुरीद हो गए। एक छोटे-से किसान के बेटे और अमरीका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति लिंकन की ख्याति का मूल था- उदारता और दूसरों की सहायता करने की प्रवृत्ति। लिंकन के इस सूत्र को याद रखा जाए तो हर कोई लोकप्रियता प्राप्त कर सकता है।

    12 सित॰ 2017

    वारेन बफ़ेट एक सफल निवेशक के टिप्स।

    By: Successlocator On: सितंबर 12, 2017
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  • वारेन बुफेट दुनिया के सफल निवेशको में गिने जाते है। वो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक है, जिनकी सम्पदा माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स के समकक्ष है।

    आइए पढ़ते है, उनके कुछ बेहतरीन शब्दों को।


    यदि आप उन चीजों को खरीदते हैं, जिनकी आपको जरूरत नहीं है तो शीघ्र ही आपको उन चीजों को बेचना पड़ेगा जिनकी आपको जरूरत है।

    एकल आय पर निर्भर कभी नहीं रहना चाहिये। दूसरा स्रोत बनाने के लिए निवेश करें।

    मुझे हमेशा से पता था कि मैं अमीर बनने जा रहा हूँ। मुझे नही लगता कि मैंने एक मिनट के लिए भी इस बात पर शक किया।

    नियम नम्बर एक, कभी पैसा मत गंवाइये। नियम नम्बर दो, कभी नियम नम्बर 1 मत भूलिए।

    हमेशा लम्बी अवधि के लिए निवेश करें।

    एक टोकरी में अपने सभी अंडे मत डालो।

    ईमानदारी बहुत महंगा उपहार है। इसकी घटिया लोगों से उम्मीद मत करो।

    कोई आज पेड़ की छाया में बैठा है तो इस वजह से कि किसी ने बहुत समय पहले ये पेड़ लगाया होगा।

    एक शानदार कम्पनी को उचित कीमत पर खरीदना एक उचित कम्पनी को शानदार कीमत पर खरीदने से ज्यादा अच्छा है।

    कोई आज पेड़ की छाया में बैठा है तो इस वजह से कि किसी ने बहुत समय पहले ये पेड़ लगाया होगा।

    मैं एक बेहतर निवेशक हूँ क्योंकि मैं एक व्यापारी हूँ और एक बेहतर व्यापारी हूँ क्योंकि मैं एक निवेशक हूँ।

    वाल स्ट्रीट ही एक ऐसी जगह है, जहाँ रोल्स रोयस से चलने वाले लोग सबवे से जाने वाले लोगों से सलाह लेने आते हैं।

    11 सित॰ 2017

    भाग्यशाली कौन है?

    By: Successlocator On: सितंबर 11, 2017
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  • दोस्तों आज मैं आपको भाग्यशाली और सफल लोगों के कुछ लक्षण बताने जा रहा हूं जिनका जिक्र महाभारत में विदुर जी ने किया हुआ है। अगर आपके पास भी है ये लक्षण तो आप भी हो सकते हैं जीवन में सफल। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो महात्मा विदुर जी ने जो बातें उनकी नीतियां में बताई है उन का अवश्य पालन करें। तो आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में।

    विदुर जी कहते हैं कि हमेशा स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो मनुष्य ज्यादा से ज्यादा बीमारियों की गिरफ्त में रहता है उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार पुरुष कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है ऐसे मनुष्य को अपने शरीर के नुकसान के साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए कहा जाता है की बीमारियों से बचे रहना सबसे बड़ा सुख होता है।

    दूसरी बात है किसी से उधार ना लेना। मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छा रखनी चाहिए। कई लोगों का मन उनके वश में नहीं होता है और वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार लेते हैं। दूसरों से उधार ले कर पाई हुई सुविधाएं कभी सुख नहीं देती हैं और कभी-कभार लोग लिए हुए कर्ज को चुका नहीं पाते हैं और उसके साथ-साथ अपने परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं। जो मनुष्य हमेशा क़र्ज़ से बचा रहता है वह सबसे ज्यादा भाग्यशाली होता है।

    तीसरी बात है अपने देश में रहना। कई कारणों से कई लोग अपना देश छोड़कर किसी ओर देश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन जो अपने देश में रहने का सुख है वह और किसी देश में नहीं मिल सकता है। जो मनुष्य अपना पूरा जीवन अपने लोगों और अपने देश में बिताता है वह सबसे ज्यादा सुखी और भाग्यशाली होता है।

    चौथी बात है अच्छे लोगों की संगति होना। जो मनुष्य अच्छे और विद्वान लोगों से दोस्ती रखता है और उनके साथ अपना समय बिताता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल मिलाप रखता है उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है वह सबसे अधिक भाग्यशाली होता है।

    पांचवी बात है जीवन यापन के लिए किसी पर निर्भर रहना। जो मनुष्य अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए खुद धन कमाने के काबिल होता है वह बहुत ही सुखी माना जाता है। कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं ऐसे लोगों का ना तो कोई स्वाभिमान होता है और ना ही दूसरों की नजर में सम्मान इसलिए जो खुद मेहनत करके अपना जीवन चलाता है उसे सबसे अधिक सुखी माना जाता है।

    छठा है निडर होकर जीना। जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है तो वह उसी दुश्मनी के बारे में सोचता है। ताकतवर इंसान उसे और उसके परिवार को किसी तरह का भी नुकसान पहुंचा सकता है। किसी बात या किसी मनुष्य से डरने वाला मनुष्य कभी भी अपने जीवन का आनंद नहीं ले पाता है इसलिए जो व्यक्ति बिना भय के अपना जीवन जीता है वह सबसे अधिक सुखी माना जाता है।

    तो दोस्तों यह थी वह बातें जिन के बारे में विदुर जी ने बताया है। इसको पढ़ने के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं। यदि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक कीजिए और ऐसी ही पोस्ट पाने के लिए हमें फॉलो जरुर कीजिए धन्यवाद।

    10 सित॰ 2017

    अब्दुल कलाम के कुछ प्रेरक वक्तव्य

    By: Successlocator On: सितंबर 10, 2017
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  • दुनिया की इस भीड़ में हमें अलग दिखने के लिए कुछ ना कुछ अलग करना पड़ेगा और साथ ही साथ कुछ चीज़ो का ध्यान रखना पड़ेगा उन में से सबसे पहला ह समय

    हम चाहें तो अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर अपना भाग्य खुद लिख सकते है और अगर हमको अपना भाग्य लिखना नहीं आता तो परिस्थितियां हमारा भाग्य लिख देंगी|

    विश्वास

    विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है| विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इंसान को भी पत्थर दिल बना सकता है|

    सोच

    बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही avoid कर देते है। समस्याए common है, लेकिन आपका नजरिया इनमे difference पैदा करता है।

    हार ना मानना

    बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है|

    सफलता

    दूर से हमें आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते है|

    समय

    आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास समय नहीं है क्योंकि आपको भी दिन में उतना ही समय (24 घंटे) मिलता है जितना समय महान एंव सफल लोगों को मिलता है|

    जीवन

    जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।

    लाइन अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करे

    9 सित॰ 2017

    जिंदगी में इन्हें महसूस कर देखिए(feel these things in life)

    By: Successlocator On: सितंबर 09, 2017
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  • 1.जब नौ महीने अपने कोख में आपका बोझ उठाने वाली माँ आपको बोझ लगने लगे तो आपको समझ लेना चाहिए, कि आप वैचारिक फिसलन भरे दौर से गुजर रहे हैं।आप स्वार्थी और एहसान फरामोश हो गए हैं।

    2.पहला प्यार हमेशा मीठी याद बनकर हमारे दिल में रहता है, चाहे हमने उसे पाया हो या नहीं।

    3.अगर आपको भगवान पर विश्वास नहीं है, तो लोगों पर विश्वास करके देखिए।फिर आप भगवान पर विश्वास करने लगेंगे।

    4.अगर आप खुद को दुर्भाग्यशाली समझते हैं, तो कोई एक काम चुनिए… जो आप करना चाहते हैंऔर जिसे आप कर सकते हैं। फिर पूरी ईमानदारी से तन-मन-धन लगाकर उस काम को करना शुरू कर दीजिए, कुछ महीनों या कुछ सालों बाद आप सफल होकर सौभग्यशाली बन जायेंगे।क्योंकि हमारे कर्म हीं हमें सौभाग्यशाली या दुर्भाग्यशाली बनाते हैं।

    5.बड़ी दूरी तय करने का लक्ष्य रखने से यह फायदा होता है, कि अगर हम छोटी दूरी भी तय कर लें।तो भी दूसरों से बहुत आगे निकल जाते हैं।

    6.अगर आप किसी क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता पाना चाहते हैं। तो आपको अपने काम को वैसे हीं करना होगा जैसे : एडिसन ने 1600 अविष्कार करते वक्त काम किए होंगे। जैसे बिल गेट्स ने अपने पूरे जीवन काम किया है।जैसे सचिन, गांगुली ने अपने कैरियर में क्रिकेट खेला। जैसे टाटा, अम्बानी Business करते हैं।जैसे सरदार पटेल ने राजनीति की।

    7.अगर आपने अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ने का निर्णय ले लिया हो, तो उन्होंने आप पर जितने रुपए खर्च किए हैं।उन रुपयों की Value आज जितने रुपए होंगे। कृपया उनके वो सारे रुपए और उन रुपयों पर आजतक उन्हें जितना ब्याज मिलता वो सब उन्हें लौटा दीजिए।

    8.भगवान हमारी हर Wish पूरी नहीं करते हैं, ठीक वैसे हीं जैसे माँ-बाप बच्चे की गैरजरूरी जिदों को पूरा नहीं करते और यही हमारे लिए अच्छा होता है।

    9.एकाग्रता किसी भी लक्ष्य को आसान बना देता है और एकाग्रता के बिना आसान लक्ष्य भी मुश्किल बन जाता है।

    10.सफलता या पैसा किसी व्यक्ति की काबिलियत नहीं बताता है एक काबिल व्यक्ति भी गरीब या असफल हो सकता है और एक नाकाबिल व्यक्ति भी किसी तरह से सफलता और पैसे पा सकता है।

    11.किसी रिश्ते को परखना है, तो उस रिश्ते से कोई उम्मीद करके देखिए आपको जल्द हीं रिश्ते की मजबूती और गहराई का पता चल जाएगा।

    12.अच्छी आदतों को हीं संस्कार कहते हैं और आदतें एक दिन में बनती या बिगड़ती नहीं हैं ।इसलिए कोई भी व्यक्ति एक दिन में संस्कारवान या कुसंस्कारी नहीं हो जाता है। बल्कि लम्बे समय मेंजैसी उसकी आदतें बन जाती है वही उसे संस्कारवान या कुसंस्कारी बनाती हैं।

    13.दोहरे चरित्र वाले लोग कैसे होते हैं, इसके 2 सबसे अच्छे उदाहरण :कई ऐसे लोग होते हैं, जो जाति प्रथा को एक कुप्रथा बताकर Inter caste marriage की तरफदारी करते हैं, लेकिन वे हीं लोग वोट नेता की जाति देखकर देते हैं,2. कुछ लोग तथाकथित बुद्धिजीवी कहलाना पसंद करते हैं और उन मुद्दों पर चुप रहते हैं, जहाँ उन्हें बोलना चाहिए और उन मुद्दों पर बोलते हैं जहाँ उन्हें चुप रहना चाहिए.

    14.जीत हासिल करना आसान होता है, लेकिन उसे बरकरार रखना बहुत मुश्किल होता है।

    15.आज की कड़वी सच्चाई यही है कि लोग पैसे वाले लोगों को महत्व देते हैं, चाहे सामने वाले व्यक्ति का चरित्र,इरादा और आदतें कैसी भी क्यों न हो किसी भी काम को छोटा मत समझिए।किसी भी काम को मेहनत से करते हुए पैसा कमाना गलत नहीं है।

    16.किसी भी व्यक्ति को अच्छे से जाने बिना, दूसरों की बातें सुनकर उसके प्रति कोई धारणा बना लेना मूर्खता है।

    17.जैसे हम समय-समय पर अपने कमरे की सफाई करते हैं, वैसे हीं हमें समय-समय पर अपनी आदतों की भी सफाई करनी चाहिए क्योंकि जाने-अनजाने हम में बहुत सारी बुरी आदतें खुद-ब-खुद आ जाती है।

    18.जिन लोगों को हड़बड़ी में फैसले लेने की आदत होती है, वे लोग अपने काम खुद हीं बिगाड़ लेते हैं।

    19.लगातार अध्ययन और मेहनत साधारण व्यक्ति को भी प्रतिभावान बना देते हैं।

    20.जीवन में कितना भी बुरा समय क्यों न आए, कभी किसी बुरे व्यक्ति का एहसान मत लीजिए,वरना आपको इसकी महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसलिए आदर्श स्थिति यह है कि बीमा याअन्य बचत आपके पास होना हीं चाहिए। ताकि अनहोनी होने की स्थिति में आपको किसी काकर्जदार न बनना पड़े ।

    21.जीवन को बदलने में समय लगता है, इसका कोई शार्टकट नहीं होता है।और सबसे बड़ी बात Shortcut से पाई गई चीजें लम्बे समय तक नहीं टिकती हैं।

    ड़े.

    22.सम्पन्नता, सफलता और सुन्दरता लोगों को अक्सर मगरूर बना देते हैं।

    23.ज्यादातर लोग अपने से कमजोर व्यक्ति को परेशान करके खुद को ताकतवर समझते हैं।अगर आप खुद को ताकतवर समझते हैं, तो अपने से ताकतवर व्यक्ति को परेशान करके देखिए।

    24.किसी की मजबूरी का उपहास नहीं करना चाहिए।

    25.वक्त बदलता रहता है और वक्त के साथ लोगों की किस्मत बदलती रहती है.क्योंकि वक्त के साथ हमारे कर्म बदलते रहते हैं और हमारे कर्म हीं हमारे किस्मत को बनाते या बिगाड़ते हैं।

    26.वास्तव में इस दुनिया में हमारा कोई दुश्मन या दोस्त नहीं होता है।वक्त और हालात हमारे दोस्त और दुश्मन बदलते रहते हैं।

    27.कर्तव्यों को निभाने वाले लोग कर्तव्यपालन करने से बचने वाले लोगों से आगे निकल जाते हैं।

    28.दूरदर्शी बनिए, इससे आपका जीवन बेहतर हो जाएगा।

    8 सित॰ 2017

    गुरु दक्षिणा।

    By: Successlocator On: सितंबर 08, 2017
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  • एक पहुंचे हुए गुरु अपने चार शिष्यों के साथ रहते थे। शिष्यों को तरह तरह के ज्ञान बताते। एक दिन जब गुरु ने शिष्यों को कहा कि उनकी शिक्षा पूरी हो चुकी है तो वे गुरूजी से गुरुदक्षिणा मांगने का अनुरोध करने लगे।

    पहले तो गुरु ने उनको मना किया कि उन्हें गुरुदक्षिणा देने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन शिष्यों के बार बार अनुरोध करने पर गुरु ने कहा..

    "ठीक है अगर तुम मुझे देना ही चाहते हो तो मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए बाद एक टोकरा सुखी पत्तियां मेरे लिए ला दो।"

    शिष्यों ने सोचा कि गुरूजी को इतनी छोटी सी चीज चाहिए जिसको तो वे चुटकियों में ला सकते हैं। उन्होंने ख़ुशी ख़ुशी गुरू से आज्ञा ली और चल पड़े घने जंगल में सुखी पत्तियां ढूंढने।।

    जंगल में जाकर उन्होंने देखा कि वहां तो पेड़ों पर ही पत्तियां थी। कुछेक पत्तियां जमीन पर बिखरी पड़ी थी लेकिन वो तो बहुत थोड़ी सी थी। उनसे एक टोकरी तो क्या एक मुट्ठी भी न भरे। चारों शिष्य बहुत ही दुखी हो गए। सोचने लगे कि जंगल में तो इतनी सारी पत्तियां होनी चाहिए कि घर भर जाए लेकिन यहां तो एक टोकरी भरने को भी पत्तियां नहीं। वहां पास में एक लकड़हारा लकड़ियाँ काट रहा था। शिष्यों के पूछने पर उसने बताया कि सुखी पत्तियां सुबह ही समेट कर अपने घर ले जाकर आग जलाने में उपयोग में ले ली। उसने उन्हें बताया कि आगे एक गाँव है जहां एक व्यापारी सुखी पत्तियां कोई दे सकता है।

    चारों गाँव में गये। व्यापारी ने उन्हें बताया कि उसने तो पत्तियों के पत्तल बना बना कर बेच दिए। अब उसके पास एक भी सुखी पत्ती नहीं थी। चारों अत्यन्त मायूस हो गए। व्यापारी ने उन्हें एक औरत का पता बताया जिसके पास सुखी पत्तियां होने की संभावना थी। पर औरत के पास जाने पर पता चला कि औरत तरह तरह की पत्तियों से दवाइयां बनाती थी और उसके पास आज कोई सुखी पत्ती नहीं थी।

    दुखी होकर चारों गुरु के पास लौटे और सारा हाल कह दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि सुखी पत्तियों का भी इतना प्रयोग किया जाता।



    गुरु ने हंसते हुए कहा,"सुनो तुम सब, यह जो ज्ञान तुम्हें आज मिला है यही मेरी गुरुदक्षिणा है। कभी किसी चीज को छोटा मत समझो। हर छोटी से छोटी चीज बड़े से बड़ा काम कर सकती है। जो काम एक सुई कर सकती है वह काम क्या एक तलवार क्र सकती है भला। तुम्हें यही समझाने के लिए मैने तुम्हें पत्तियां लाने को कहा था। और चूँकि तुम समझ गए हो तुम्हें ज्ञान मिल गया है तो मुझे भी अपनी गुरुदक्षिणा मिल गयी है।"

    7 सित॰ 2017

    एक कहानी जो बहुत कुछ सिखा देगी।

    By: Successlocator On: सितंबर 07, 2017
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  • वन में एक बड़ा और मजबूत पेड़ था। वह लंबा और मजबूत था वृक्ष के पास एक छोटा सा पेड़ भी था।

    मजबूत पेड़ ने कहा की मैं बहुत सुंदर और मजबूत हूं। कोई मुझे हरा नहीं सकता। यह सुनकर, छोटे पेड़ ने उत्तर दिया, प्रिय मित्र, बहुत गर्व हानिकारक है। यहां तक कि मजबूत भी एक दिन गिर जायेगा।
    मजबूत पेड़ ने उसके शब्दों को नजरअंदाज कर दिया। वह खुद की प्रशंसा जारी राखी। एक मजबूत हवा चली तब भी बड़ा पेड़ दृढ़ता से खड़ा था यहां तक कि जब भी बारिश हुई, तो पेड़ अपने पत्ते फैलाने से मजबूत था। इन दिनों के दौरान, छोटा पेड़ जुक गया। बड़े पेड़ ने उसका मज़ाक उड़ाया

    एक दिन, वन में एक भारी तूफान आया तब छोटा पेड़ हमेशा की तरह जुक गया था लेकिन बड़ा और मजबूत पेड़ ऐसा नहीं कर सका

    उसने अपनी पूरी कोशिश की कि वह सीधे खड़े रहें, लेकिन अंत में, वह गिर गया। यह गर्व वृक्ष का अंत था।

    जब सब कुछ फिर से शांत हो गया था, छोटा पेड़ सीधे खड़ा था।

    6 सित॰ 2017

    बार बार अपमान करने वालो के साथ क्या करना चाहिए जानिए

    By: Successlocator On: सितंबर 06, 2017
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  • दोस्तों कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दूसरों का बेवजह अपमान करने में आनंद मिलता है । ऐसे लोग बार-बार सबके सामने किसी ना किसी की बुराई करके उन्हें अपमानित करने की कोशिश करते रहते हैं। यदि आपके साथ भी कोई ऐसा करता है तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए इसका जवाब खुद भगवान श्रीकृष्ण ने दिया है।

    महाभारत में श्री कृष्ण और शिशुपाल का प्रसंग प्रसिद्ध है। उसी प्रसंग से हम यह सीख सकते हैं कि यदि कोई हमारा अपमान करता है तो हमें क्या करना चाहिए। महाभारत में कृष्ण और शिशुपाल का प्रसंग काफी चर्चा में रहा है । शिशुपाल श्री कृष्ण की बुआ का पुत्र था । श्री कृष्ण ने शिशुपाल की माता को यह वचन दिया था कि वह शिशुपाल की 100 गलतियां को माफ करेगा लेकिन सो गलतियां पूरी हो जाने के बाद वह उसे उचित दंड अवश्य देगा ।

    विदर्भ राजा के पांच पुत्र थे और उनकी पुत्री थी जिसका नाम था रुकमणी । रुकमणी के माता-पिता उसका विवाह भगवान श्रीकृष्ण के साथ करना चाहते थे लेकिन रुक्मी जो रुकमणी का बड़ा भाई था वह चाहता था कि रुक्मणी का विवाह शिशुपाल के साथ हो और इसलिए उसने रुकमणी टीका शिशुपाल के यहां भिजवा दिया। रुक्मणी श्रीकृष्ण से प्रेम करती थी और इसलिए रुक्मणी ने एक ब्राह्मण के हाथों श्रीकृष्ण को संदेश भिजवा दिया।

    भगवान श्री कृष्ण भी रुक्मणी को प्रेम करते थे और वह यह भी जानते थे कि रुकमणी के माता-पिता उसका विवाह उन्हीं के साथ करना चाहते हैं लेकिन उसका बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण को शत्रु मानता है जिसके कारण यह विवाह नहीं होने देगा। श्रीकृष्ण ने रुक्मी के विरोध के बावजूद रुकमणी से विवाह कर लिया। इस विवाह को शिशुपाल ने अपना अपमान समझा और भगवान श्रीकृष्ण को अपना शत्रु समझने लगे।

    कुछ वक्त बाद जब युधिष्ठिर ने राज सूर्य यज्ञ का आयोजन किया तो उस आयोजन में सभी राजा आमंत्रित किया गए । उसी आयोजन में शिशुपाल भी आया था जब देवता की जगह पर श्रीकृष्ण का सम्मान और पूजा करते देखा तो शिशुपाल बहुत ही क्रोधित हो गया और उसने श्रीकृष्ण को अपशब्द कहने शुरू कर दिए। यज्ञ में उपस्थित सभी लोगों ने शिशुपाल को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माना ।

    अर्जुन और भीम तक तो शिशुपाल को मारने के लिए खड़े हो गए थे लेकिन श्रीकृष्ण ने उन दोनों को रोक दिया । शिशुपाल लगातार गालियां देता रहा और श्रीकृष्ण उनकी गालियों को गिनते रहे। जब शिशुपाल ने सौ अपशब्द कह दिए तब श्री कृष्ण ने कहा अब तुम रुक जाओ वरना परिणाम अच्छा नहीं होगा । श्रीकृष्ण के समझाने के बावजूद भी शिशुपाल नहीं रूक पाया और अपने अपशब्द कहता रहा ।

    श्रीकृष्ण के समझाने के बाद शिशुपाल के मुंह से जैसे ही पहला अपशब्द निकला श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का मस्तक काट दिया।

    दोस्तों इस प्रसंग से हम सीख ले सकते हैं यदि कोई व्यक्ति बार-बार हमारा अपमान करता है तो उसे समझाने का पूरा प्रयास करना चाहिए लेकिन यदि बार बार समझाने के बाद भी वह व्यक्ति ना समझे और आप के मान सम्मान को ठेस पहुंचाता रहे तो फिर उसे उचित जवाब देना भी जरुरी है।

    ऐसे लोगों को चुप कराने के लिए हमें श्रेष्ठ काम करना चाहिए और उसकी बातों को गलत साबित कर देना चाहिए । दोस्तों भगवान श्री कृष्ण और शिशुपाल का ये प्रसंग हमें जीवन में इस तरह के लोगों से निपटने के लिए एक बहुत अच्छी सीख देता है । जिसे अपनाकर हम अपने जीवन में कई परेशानियों को खत्म कर सकते हैं।

    5 सित॰ 2017

    किसी को भी प्रभावित करने के लिए याद रखे ये बाते।

    By: Successlocator On: सितंबर 05, 2017
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  • दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिंदगी के हर कुछ रोचक तथ्य जिससे कोई भी प्रभावित हो सकता है तो आइए जानते हैं।

    अगर आप सोचते हुए सोते हैं तो दिमाग नींद में भी सोचता रहता है जिससे आपको जागने पर आराम की फीलिंग नहीं आती और थकावट महसूस होती है।

    आमतौर पर किसी खास इंसान का भेजा हुआ एक ही संदेश आपको तुरंत स्ट्रेस से छुटकारा दिला सकता है और आपके मूड को ठीक कर सकता है।

    जब आप झूठ बोलते हैं तो आपकी नाक गर्म हो जाती है।

    अगर आपको रात में लंबी दूरी तक गाड़ी चलानी है तो कॉमेडी सुने तो कॉमेडी सुनते हुए नींद आना मुश्किल काम है।

    एक मनोवैज्ञानिक शोध कहता है कि जब आप सिंगल होते हैं तो हर जगह आपको खुश कपल्स दिखेंगे पर जब आप रिलेशनशिप में होते हैं तब आपको सिंगल लोग ज्यादा खुश दिखेंगे।

    प्यार में डूबे दो लोग जब एक दूसरे की आंखों में देखते हैं तो उनकी धड़कनें भी मिल जाती हैं।

    अगर आप किसी को पहले से संदेश भेजते हैं तब 90 प्रतिशत संभावना है कि वह इंसान आप में रुचि नहीं रखता है।

    अगर आपको लगता है कि कोई आपको गलत नंबर दे रहा है तो उसे चेक करने के लिए कुछ डिजिट बदलकर पढ़कर सुना दीजिए और अगर वो आपकी इस गलती को सही नहीं करता है तो समझ लीजिए कि दिया गया नंबर गलत है।

    किसी नई जगह अगर टैक्सी ड्राइवर आपसे पूछे कि क्या आप आसपास किसी जगह से है तो हां कर दीजिए क्योंकि कभी कबार ड्राइवर किराया बढ़ाने के लिए आपको दूर ले जाते हैं।

    महिलाएं सामान्य तौर पर ऐसे सवाल पूछती हैं जिनके जवाब हमें पहले से ही पता होते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप सच ही बता दें।

    मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अगर आपकी दोस्ती 7 साल से ज्यादा टिक गई है तो संभावित है कि वो जिंदगी भर रहेगी।

    अपनी नाक बंद करके तीन बार निगलने से आपको हिचकी में राहत मिलेगी।

    जरूरत से कम नींद आप को निराशा और शराबखोरी करने की इच्छा की तरफ ढकेलती है।

    पुरुष 3 दिन के बाद ही प्यार में पड़ जाते हैं लेकिन महिलाएं कम से कम 18 दिन लेती हैं।

    दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी यदि आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक जरुर करें और ऐसे ही रोचक पोस्ट पाने के लिए हमें फूलों जरुर करें धन्यवाद।

    4 सित॰ 2017

    फालतू विचारो को कैसे बंद करे।

    By: Successlocator On: सितंबर 04, 2017
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  • जीवन में हम कई सारी परेशानीयों से गुज़रते हैं। कुछ तकलीफ़ें हमें तोड़ कर रख देती हैं। तो कुछ समस्याएँ हमें शारीरिक और मानसिक रूप से और मज़बूत बना जाती हैं। यह तो देखने का नज़रिया है की आप जीवन में आने वाली चुनौतीयों का सामना किस attitude के साथ करते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी मानसिक समस्या की जिसमें हमारा दिमाग फालतू के विचारों में खो जाता है। और ऐसे बेमानी विचारों के चलते हम अपने रोज़मररा के कामकाज में जी नहीं लगा पाते हैं। यह समस्या कम या ज़्यादा सब को होती ही है। जब हम सो जाते हैं तब भी हमारा दिमाग जागता ही रहता है। और कुछ ना कुछ सोचता रहता है। तो आइये फालतू के विचारों से मुक्ति पाने का आसान रास्ता खोजें।

    खुद को क्षमा करें
    कुछ लोग होते हैं जो छोटी छोटी गलतियों पर खुद से इतने खफा हो जाते हैं की, अपने आप को ही गंदी वाली गालियां देने लगते हैं। खुद को कोसने लगते हैं। यह आदत तुरंत बदल देनी चाहिए। खुद को समझाये की गलती तो पहले भी हुई है, अब भी होगी, और आगे भी हो सकती हैं। हार और गलती को सहजता से लें। कोई गलती इतनी बड़ी नहीं की माफ ना किया जा सके।

    खुद से बातें करना बंद कर दो    
    जब हम किसी विषय पर अधिक चिंतन करते हैं। किसी बात को बहुत ज़्यादा गंभीरता से लेते हैं तो वह बात हमारे दिमाग पर सवार हो जाती है। और हम उसको सोच सोच कर खुद ही से बाते करना शुरू कर देते हैं। अगर अकेलापन महसूस हो रहा है तो दोस्तों से बात करें। परिवार के साथ समय बिताएँ। घूमने निकल जाएँ। पर पागलों की तरह खुद से ना बड़बड़ करें।

    स्वीकार करना सीखें।
    अगर आप को बे फिज़ूल बाते करने की आदत है। सोच में डूबे रहने की आदत है तो उसका स्वीकार करो। चूँकि जब तक आप यह मनोंगे नहीं की समस्या है, तब तक आप उसका समाधान नहीं ढूंढोगे। और समाधान नहीं ठुंढोगे तो ठीक कैसे हो सकोगे। और जब आप यह मान लोगे की आप को ज़्यादा सोचने की आदत है तो ही, आप खुद बख़ुद अपने आप को इस से दूर करना शुरू कर देंगे।

    व्यस्त रहें। खाली ना बैठे
    खाली दिमाग शैतान का अड्डा होता है। यह बात तो आजकल पाँच साल का बच्चा भी जानता है। इस लिए एक्टिव रहें। कुछ शौक पैदा करें। कोई लक्ष बनाएँ। किसी की मदद करें। किसी प्रवृति में हिस्सा लें। बस अकेले रह कर खाली ना बैठे। मक्खीयों को जीने दें।  

    फेसबुक और व्हाट्स उप की दुनियाँ से बाहर आयें
    आज कल सोशल मिडया का बड़ा ट्रेंड है। कई लोग दिन रात ऑनलाइन रह कर पता नहीं क्या तीर मारते रहते हैं। कुछ ज्ञानी लोग तो किसी पर्यटन स्थल पर जा कर भी, फोन में अपना मुह घुसेड़ कर बैठे रहते हैं। कोई तो 500 रुपए खर्च कर के मल्टीफ़्लेक्स सिनेमा जाते हैं और मूवी देखने की वजाय उसे अपने फोन पर रेकॉर्ड करते रहते हैं। ऐसे घनचक्कर लोगों का तो भगवान ही मालिक है। जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी ऐसी फालतू आदतें बदल देना सही होता है।

    सकारात्मक सोच रखें
    कुछ लोग होते हैं जो सिर्फ ऐसा बोलते हैं की नहीं होगा। कैसे होगा। कब होगा। इस तरह के लोग वाकय में पृथ्वी का बोज बढ़ाने के लिए होते हैं। अगर इन्सान में किसी तरह का जोश नहीं। उत्साह नहीं। कुछ कर गुज़रने की चाह नहीं। ज़रा भी हिम्मत नहीं। तो ऐसा इन्सान खुद को ईश्वर की सब से उत्तम कलाकृति कैसे मान सकेगा। कहने का मतलब बड़ा साफ और सीधा है। खुद पर विश्वास करो। घमंड ना करो पर गर्व ज़रूर करो। पॉज़िटिव रहो और दरवाज़ा तब तक ठोकते रहो जब तक खुल ना जाए। मतलब प्रयत्नशील रहो। हार मत मानों। और अगर हार भी गए तो जिद्दी बन कर फिर से उसी रास्ते पर लगे रहो। यही success का फॉर्मूला है।

    3 सित॰ 2017

    बीरबल की चतुराई पूर्ण 10 जवाब

    By: Successlocator On: सितंबर 03, 2017
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  • बीरबल द्वारा दिए गए 10 प्रश्नसर्वश्रेष्ठ ...

    1- ब्रह्मांड में सबसे सुंदर रचना क्या है?

    उत्तर: माँ

    2 - कौन सा सबसे अच्छा फूल है?

    उत्तर: कपास फ्लावर

    3 - कौन सी सुगंध है?

    उत्तर: बारिश से सूखे भूमि की सुगंध

    4 - मिठास क्या है?

    उत्तर: वॉयस

    5 - सर्वश्रेष्ठ दूध-

    उत्तर: माँ

    6- सबसे काला क्या है?

    उत्तर: ब्लर

    7 - सबसे अधिक वजनदार क्या है?

    उत्तर: पाप

    8 - सबसे सस्ता क्या है?

    उत्तर: परामर्श

    9 - सबसे महंगा क्या है?

    उत्तर- सहयोग

    10- कड़वा समय क्या है?

    उत्तर: सत्य



    बहुत खूबसूरत प्रश्न और उस प्रश्न का उत्तर

    प्रश्न: जीवन क्या है?

    उत्तर: जब कोई व्यक्ति पैदा होता है, तो उसके पास नाम नहीं, लेकिन साँस और

    जब भी वह मर जाता है, केवल नाम होता है लेकिन सांस

    "नाम" और "सांस" के बीच का अंतर "जीवन" ..

    1 सित॰ 2017

    कहानी राजा भोज औऱ महात्मा की।

    By: Successlocator On: सितंबर 01, 2017
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  • एक बार की बात है, राजा भोज दिन भर की व्यस्तता के बाद गहरी नींद में सोए हुए थे। स्वप्न में उन्हें एक दिव्य पुरुष के दर्शन हुए। उस दिव्य पुरुष के चारों ओर उजला आभा मंडल था। भोज ने बड़ी विनम्रता से उनका परिचय पूछा। मंद-मंद मुस्काते हुए वह बोले, ‘‘मैं सत्य हूं। मैं तुम्हें तथाकथित उपलब्धियों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूं। चलो, मेरे साथ।’’
    राजा उत्सुकता और खुशी से उनके साथ चल दिए। भोज खुद को बहुत बड़ा धर्मात्मा समझते थे। उन्होंने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं, नहरें और कुएं आदि बनवाए थे। उनके मन में इन कामों के लिए गर्व भी था। दिव्य पुरुष भोज को उनके ही एक शानदार बगीचे में ले गए और बोले, ‘‘तुम्हें इस बगीचे का बड़ा अभिमान है न।’’
    फिर उन्होंने एक पेड़ छुआ और देखते ही देखते वह ठूंठ हो गया। एक-एक करके सभी सुंदर फूलों से लदे वृक्षों को छूते गए और वे सब ठूंठ होते चले गए। इसके बाद वह उन्हें भोज के एक स्वर्ण जडि़त मंदिर के पास ले गए। भोज को वह मंदिर अतिप्रिय था। दिव्य पुरुष ने जैसे ही उसे छुआ, वह लोहे की तरह काला हो गया और खंडहर की तरह गिरता चला गया। यह देख राजा के तो होश उड़ गए। वे दोनों उन सभी स्थानों पर गए जिन्हें राजा भोज ने चाव से बनवाया था। दिव्य पुरुष बोले, राजन, भ्रम में मत पड़ो। भौतिक वस्तुओं के आधार पर महानता नहीं आंकी जाती। एक गरीब आदमी द्वारा पिलाए गए एक लोटे जल की कीमत, उसका पुण्य, किसी यशलोलुप धनी की करोड़ों स्वर्ण मुद्राओं से कहीं अधिक है।’’
    इतना कहकर वह अंतर ध्यान हो गए। राजा भोज ने स्वप्न पर गंभीरता से विचार किया और फिर ऐसे कामों में लग गए जिन्हें करते हुए उन्हें यश पाने की लालसा बिल्कुल नहीं रही।